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नन्हें कलाकारों के अभिनय से गुलजार हुए दिल्ली के स्कूल, 24 जून से सजेगा बाल थिएटर मेला

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 दिल्ली के कुई स्कूलों में इन दिनों छोटे-छोटे बच्चों के संवाद गूंजते सुने जा सकते हैं. कोई बच्चा ‘शतरंज के खिलाड़ी’ का मीर रौशन अली बनकर शतरंज की विसात बिछाए बैठा नजर आएगा तो कोई उदय प्रकाश की कहानी ‘वारेन हेस्टिंग्स का सांड’ का किरदार निभा रहा है. कहीं कोई पात्र ‘शहीद की माँ’ में विलाप करता नजर आता है तो कोई आनंद प्रकाश जैन की कहानी ‘आटे के सिपाही’ में खाकी पहने रौब झाड़ता देखा जा सकता है.

यह नजारा है हिंदी अकादमी, दिल्ली द्वारा आयोजित ‘बाल रंगमंच कार्यशाला’ का. हिंदी अकादमी, दिल्ली के सचिव डॉ. जीतराम भट्ट ने बताया कि दिल्ली सरकार हर साल गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों के लिए ‘बाल रंगमंच कार्यशाला’ का आयोजन करती है. इसके लिए दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों के स्कूलों में प्रसिद्ध निर्देशकों के मार्गदर्शन में बच्चों को लगातार एक महीने तक अभिनय के गुर सिखाए जाते हैं.डॉ. भट्ट ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते पिछले दो वर्षों से यह कार्यशाला आयोजित नहीं की जा सकी. इस बार 13 स्कूलों तथा अन्य स्थानों पर इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. इन सभी कार्यशालाओं में लगभग 500 बच्चों को अभिनय की शिक्षा दी जा रही है.उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला में हिंदी के प्रसिद्ध लेखकों की 13 कहानियों का चयन किया गया है. इन कहानियों का चयन विद्यार्थियों के मनोविज्ञान को ध्यान में रखकर किया गया है. अकादमी द्वारा चयनित निर्देशकों द्वारा हिंदी की कहानियों का नाट्य रूपांतर किया जाता है. इन कहानियों पर पूरा एक महीना बच्चों को प्रशिक्षित किया जाता है. कार्यशाला समाप्त होने के बाद 24 जून से से 30 जून तक आईटीओ स्थित प्यारे लाल भवन इन नाटकों का मंचन किया जाएगा.हिंदी अकादमी, दिल्ली के सचिव डॉ. भट्ट ने बताया कि बच्चों के अभिनय की शिक्षा देने के लिए एक कमेटी द्वारा निर्देशकों व सहायक निर्देशकों का चयन किया जाता है.

ये निर्देशक और सहायक निर्देशक चयनित कहानियों का नाट्य रूपान्तरण कर 8 वर्ष से 16 वर्ष के विद्यार्थियों को संवाद और संगीत के साथ एक महीने तक नाटक की तैयारी करवाते हैं. प्रत्येक केंद्र में लगभग 40 बच्चों को रंगमंच की दुनिया से परिचत करवाया जाता है.

डॉ. भट्ट ने बताया कि प्रसिद्ध रंगकर्मी और निर्देशक अशरफ अली तथा राकेश शर्मा को कॉर्डिनेटर नियुक्त किया गया है.

इन स्थानों पर लगीं बाल रंग कार्यशाला
– कैम्ब्रिज फाउंडेशन स्कूल, राजौरी गार्डन एक्सटेंशन (संयोजक- अशोक बजाज)
– लिटिल फ्लॉवर इंटरनेशनल स्कूल, कबीर नगर, शाहदरा (संयोजक- दीप्ति सक्सैना)
– गांधी हिन्दुस्तानी साहित्य सभा, राजघाट (संयोजक- राजकुमार देव)
– ओजस पब्लिक स्कूल, रोहणी (संयोजक- सीमा पंत)
– अरविंद गुप्ता डी.ए.वी. स्कूल, मॉडल टाउन (संयोजक- अरूणा)
– मयूर पब्लिक स्कूल, आईपी एक्सटेंशन (संयोजक- अनुपमा गुप्ता)
– एनके बगरोडिया पब्लिक स्कूल, द्वारका (संयोजक- वंदना)
– यूनिवर्सल पब्लिक स्कूल, प्रीत विहार (संयोजक- सुनीता शर्मा)
– रॉयल पब्लिक स्कूल, बादली गांव (संयोजक-पुरूषोत्तम शर्मा)
– उत्तरांचल पब्लिक स्कूल, कमालपुर बुराड़ी, (संयोजक- संजय कठैत)
– नेशनल विक्टर पब्लिक स्कूल, आईपी एक्सटेंशन, पटपडगंज (संयोजक- प्रदीप कुमार)
– एमएम पब्लिक स्कूल, वसुधा एन्क्लेव, पीतमपुरा (बॉबी नरूला)
– संगोष्ठी कक्ष, हिंदी अकादमी दिल्ली, किशनगंज (कुसुम मिश्रा)

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