विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल ट्रैक पर रोमांचित करने वाली पहाड़ियों को निहारने के साथ ही अब सैलानी चलती ट्रेन में व्यंजनों का लुत्फ उठा सकेंगे। रेलवे बोर्ड पैनोरमिक (पारदर्शी) ‘मिनी वंदे भारत’ ट्रेन में रेस्टोरेंट की सुविधा देगा। कालका-शिमला रेल ट्रैक पर ऐसा पहली बार होगा कि किसी ट्रेन में रेस्टोरेंट भी मिलेगा। इससे पहले नैरोगेज रेललाइन में पर्यटकों को केवल कैटरिंग के जरिये खाना मुहैया करवाया जाता है। यह सुविधा भी सिर्फ शिवालिक ट्रेन में ही मिलती है। अब आगामी दिनों में पैनोरमिक ट्रेन में पर्यटकों को ऑन बोर्ड पेंटरी की सुविधा दी जाएगी। इसके लिए ट्रेन में अलग से कोच होगा।
रेलवे बोर्ड पर्यटकों को आरामदायक और सुरक्षित सफर करवाने के लिए इन दिनों पैनोरमिक ट्रेन को चलाने से पहले ट्रायल कर रहा है। रेल कोच फैक्ट्री (आरसीएफ) और अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन आरडीएसओ टीम नए शैल की जांच कर रही है। वर्तमान में कालका से धर्मपुर तक पैनोरमिक कोच का ट्रायल चल रहा है। यह खाली शैल का ट्रायल है। इसमें सफलता मिलने के बाद सीट व अन्य चीजें शैल में लगाकर जांच होगी। पैनोरमिक कोच वर्तमान में चल रहे विस्ताडोम कोच से भी आधुनिक होंगे। पर्यटक पैनोरमिक कोच से खूबसूरत वादियों को निहार सकेंगे। साथ ही नए कोच में टॉप रूफ के बजाय किनारे में बड़ी-बड़ी खिड़कियां होंगी। संवाद
28 की स्पीड में सफल ट्रायल
खाली शैल का 28 की स्पीड में भी सफल ट्रायल रहा है। वर्तमान में ट्रायल के दौरान अधिकारी इसे फुल स्पीड पर चला रहे हैं। पहले चरण में चार कोच दो एसी प्रीमियम, एक नॉन एसी व पावर एसी कोच तैयार होगा। प्रीमियम एसी कोच 12 सीटर होगा। एसी चेयरकार 24 सीटर होगी। नॉन एसी 30 सीटर होगा। पावर एसी कोच अन्य कोच को पावर देगा और उसमें सिर्फ गार्ड बैठेगा। फायर अलार्म भी कोच के अंदर होगा। सीट 360 डिग्री पर घूमने वाली होगी।
पैनोरमिक ट्रेन में रेस्टोरेंट और ऑन बोर्ड पेंटरी की सुविधा होगी। मनोरम पहाड़ियों के साथ व्यंजनों का लुत्फ भी लोग उठा सकेंगे। वर्तमान में प्रथम चरण में शैल और लगेज बोगी लगाकर ट्रायल किया जा रहा है। जल्द ही ट्रायल सफल होने पर ट्रेन चलाई जाएगी। – अशेष अग्रवाल, महाप्रबंधक रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला