सीवान मंडल कारा में बंद कैदियों से मुलाकात के एवज में पैसे लेने, बंदियों से चंपी कराने, अवैध तरीके से जेल में सामान की बिक्री करने के उस केस में सहायक अधीक्षक समेत पांच को निलंबित किया है, जेल के अंदर से बनाए इस वीडियो की खबर सामने आने के बाद जेल अधीक्षक संजीव कुमार ने यह कार्रवाई की है।
खबर के कारण पटना तक फैली बात, तत्काल कार्रवाई
वीडियो सामने आने के बाद डीएम ने कमिटी बनाकर गुप्त जांच शुरू करा दी थी, लेकिन गुरुवार की रात जब खबर के रूप में सारी जानकारी सार्वजनिक हो गई तो बात पटना तक फैल गई। उच्च अधिकारियों के निर्देश पर जेल अधीक्षक संजीव कुमार ने पांच जेलकर्मियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है। इसमें सहायक अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह, मुख्य उच्च कक्षपाल पुसेन्द्र सिंह, कक्षपाल पवन कुमार राय और दो होमगार्ड के जवान रूदल और परमानंद भगत का नाम है। जेल अधीक्षक ने बताया कि आगे की कार्रवाई अभी चल रही है कि वीडियो कैसे बना और बाहर किसने भेजा।
वीडियो में बाहर से अंदर तक का पूरा फिल्मांकन
जेल के बाहर से अंदर तक की हकीकत दिखा रहे वीडियो में बताया गया था कि मंडल कारा के मुख्य द्वार पर बंदियों के परिजनों से मुलाकात कराने के नाम पर पैसे लिए जा रहे हैं। कोई परिजन 10-10 का नोट तो कोई 500 का भी नोट वर्दीधारी के हाथ में देता हुआ नजर आ रहा था। फिल्म की तरह पूरा वीडियो तकरीबन 38 मिनट का है, जो टुकड़ों में बाहर आया, हालांकि लोग इसे फॉरवर्ड करने से बच रहे थे। वीडियो में मंडल कारा के बाहर से अंदर तक की अमूमन सारी गतिविधियां दिख रही थीं। साफ दिख रहा था कि जेल के भीतर किस तरह खाना बनता है, बंदियों को अंदर किस तरह का काम करना होता है या वह कैसे अपना समय काटते हैं। यह भी दिखा था कि कैदी से जेल के भीतर वर्दीधारी सिर की मालिश करा रहे हैं।