इस मामले को लेकर पुलिस को भी शिकायत दी गई है। अभी तक ये पता नहीं चल पाया कि ये किसने किया है। ये जांच के बाद ही सामने आएगा। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय अक्सर किसी न किसी मुद्दे को लेकर सुर्खियों में रहता है। इस बार विश्वविद्यालय कैंपस में जगह-जगह दीवारों पर ब्राह्मणों और वैश्य समुदाय के खिलाफ नारे लिखे गए हैं। जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज की दीवारों पर असामाजिक तत्वों ने ब्राह्मण और वैश्य समुदाय के खिलाफ अमर्यादित नारे लिखे, जिसे लेकर चौतरफा विरोध देखा जा रहा है। जब से इस घटना के बारे में लोगों को पता चला है, लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है।
इनके गुस्से का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि सोशल मीडिया के कई प्लेटफॉर्म पर जेएनयू ट्रेंडिंग में पहुंच गया है। जेएनयू को टैग कर लोग अपनी बात लिख रहे हैं और जेएनयू की वीसी से इस मामले में एक्शन लेने की मांग कर रहे हैं।
वहीं जेएनयू में जातिसूचक शब्द दीवारों पर लिखने वाले लोगों के खिलाफ जेएनयू प्रशासन एक्शन लेगा। इस संबंध में कुलपति ने नोटिस जारी कर कहा कि कुछ अज्ञात लोगों ने फैकल्टी रूम और विश्वविद्यालय की दीवारों पर जातिसूचक टिप्पणी की है। इस पर प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा। प्रशासन ऐसी घटना की निंदा करता है। ऐसी घटना को विश्वविद्यालय में स्वीकार नहीं किया जाएगा। जेएनयू सबका है। कुलपति ने स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज एंड ग्रिवांस कमेटी के डीन को इस मामले की जल्दी से जल्दी जांच करके रिपोर्ट सौंपने को कहा है। नोटिस में कहा गया है कि जेएनयू समावेश और समानता में विश्वास करता है। कुलपति ने जेएनयू में किसी प्रकार की हिंसा पर जीरो टोलरेंस की नीति अपनाने की भी बात कही है।
इधर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने जातिसूचक टिप्पणी लिखने का आरोप लेफ्ट विंग के छात्रों पर लगाया है। वहीं जेएनयू में दीवार पर ब्राह्मणों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी लिखने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।