धर्मशाला-शिमला नेशनल हाईवे पर बिलासपुर के मंगरोट में गुरुवार को अजीब वाक्या देखने को मिला। उच्च न्यायालय के आदेशों पर नेशनल हाईवे किनारे से लोक निर्माण विभाग और एनएचएआई का रेहड़ी फड़ी हटाने का कार्य जारी है। एनएच किनारे से जैसे ही स्थानीय निवासी राजन कांत शर्मा का टिन का शेड हटाया तो वह गुस्सा गया। उसने बीच सड़क में टिन का शेड रख दिया और दिनभर सामान बेचा। उसने कहा कि जिस जगह उसे टिन का शेड रखा है कि वह जमीन मेरी है। दावा किया कि कागजों में राष्ट्रीय राजमार्ग कहीं और से है। इसकी जानकारी लोक निर्माण विभाग और जिला प्रशासन को भी दी है। वीरवार को शेड पूरा दिन एनएच पर रहा और वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जहां शेड रखा है वहां से पूरा दिन वाहन एक तरफा ही चले।
रेहड़ी मालिक राजन कांत शर्मा का कहना है कि इसी रेहड़ी से उसके परिवार की रोजी रोटी चलती है। लेकिन विभाग ने इसे एनएच से हटा दिया। हैरानी का विषय यह है कि लोक निर्माण विभाग ने इस मामले से पाला झाड़ लिया है। विभाग के अधिशासी अभियंता राजेंद्र जुबलानी ने बताया कि यह क्षेत्र राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन है। कहा कि इस पर लोनिवि कोई कार्रवाई नहीं कर सकता है। लेकिन दूसरी तरफ एनएचएआई के परियोजना निदेशक विक्रम मीणा ने बताया कि दो माह पहले ही भगेड़ से ब्रहमपुखर तक इस मार्ग को लोक निर्माण विभाग को सौंप दिया गया है। अब इसका सारा जिम्मा लोनिवि का ही है। ऐसे में अब यह तय करना मुश्किल हो गया है कि इस रोड का जिम्मा आखिर है किसका? वहीं शेड के मालिक ने साफ किया है कि उसके पास जमीन से संबंधित सारा रिकॉर्ड है और वो अपनी जमीन में ही रेहड़ी रखेगा।