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शहरी गरीबों का गृह प्रवेश कराएगी सरकार, सभी 80 नगर निकायों की कुंडली होगी सरकार के पास

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विस्तार

पूरे जम्मू-कश्मीर में शहरी क्षेत्रों के विकास के लिए शुरू किए गए मेरा शहर-मेरा गौरव (माई टाउन-माई प्राइड) अभियान के तहत प्रदेश सरकार सभी 80 नगर निकायों की कुंडली तैयार करेगी। इसमें स्वरोजगार से लेकर बिजली-पानी तथा अन्य नागरिक सुविधाओं का पूरा ब्योरा भी होगा।

 

इस बात का भी रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत कितने आवास बनकर तैयार हुए हैं। इन लाभार्थियों का गृह प्रवेश भी कराया जाएगा। जनता से सरकारी योजनाओं का फीडबैक भी हासिल किया जाएगा कि सरकारी सेवाएं उनके दरवाजे तक पहुंच रही है या नहीं।

 

सभी विजिटिंग अफसरों से 13 दिसंबर तक तय प्रोफार्मा पर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है। सरकार ने विजिटिंग अफसरों के लिए 36 पृष्ठ की बुकलेट तैयार की है। कार्यक्रम के नोडल विभाग आवासीय एवं शहरी विकास विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि सरकार तथा आम जनता के बीच संबंध मजबूत बनाने के लिए यह अभियान है।

 

इसके तहत प्रमुख नागरिकों, सरकारी अफसरों, सामाजिक संगठनों तथा नगर निकाय के जनप्रतिनिधियों से मिलकर फीडबैक प्राप्त किया जाएगा। दौरे के दौरान अफसरों की ओर से संबंधित नगर निकाय में चल रहे महत्वपूर्ण परियोजनाओं की प्रगति जानी जाएगी। प्रत्येक नगर निकाय के प्रति वार्ड से पांच युवकों को स्वरोजगार के लिए चयनित किया जाएगा।

डोमिसाइल धारकों का भी पता लगाएगी सरकार

अभियान के तहत सरकार यह भी पता लगाएगी कि नगर निकाय का भवन किराए पर तो नहीं है। साथ ही यह जानकारी भी हासिल की जाएगी कि नगर निकायों की गतिविधियों के मूल्यांकन के लिए सामाजिक ऑडिट समिति का गठन किया गया है। पिछले दो साल में कितनी शिकायतें हासिल हुईं और कितने का निस्तारण हुआ।

 

इसके तहत सरकार डोमिसाइल जारी करने के बाबत भी पूरी जानकारी जुटाएगी। इसमें कितने गैर पीआरसी धारकों (बाहरी लोगों) को प्रमाणपत्र जारी हुआ, इसका ब्योरा भी मांगा गया है। स्वच्छता अभियान, दीनदयाल अंत्योदय योजना, आत्मनिर्भर योजना के अलावा केंद्रीय सहायता प्राप्त योजनाओं की प्रगति के बारे में भी जानकारी एकत्र की जाएगी।

नशामुक्त और भ्रष्टाचार मुक्त अभियान

विजिटिंग अफसरों की ओर से नगर निकायों में नशामुक्त तथा भ्रष्टाचार मुक्त अभियान पर लोगों के बीच चर्चा की जाएगी। इसके माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायतों के लिए लोगों से आगे आने का आह्वान किया जाएगा। इसके साथ ही विजिटिंग अफसर अपने नगर निकाय में नशे के आदी लोगों के बारे में संबंधित जिलों के डीसी को रिपोर्ट सौंपेंगे ताकि काउंसिलिंग के माध्यम से उसकी लत छुड़ाई जा सके।

बैक टू विलेज की तर्ज पर शहरी निकायों को आत्मनिर्भर बनाने का यह अभियान है। इससे प्रशासन में जनता की सहभागिता बढ़ाने तथा लोकतंत्र की मजबूती का प्रयास किया जाएगा। यह अपने तरह की अनूठी पहल है। – मनोज सिन्हा, उप राज्यपाल

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