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सीएम योगी बोले, रेडीमेड गारमेंट को प्रोत्साहन मिले तो स्थानीय उत्पाद यूरोप तक छा जाएंगे

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि रेडीमेड गारमेंट सेक्टर में अपार संभावनाएं हैं। यदि रेडीमेड गारमेंट को प्रोत्साहन दिया जाए तो यहां के उत्पाद दक्षिण पूर्व एशिया से लेकर यूरोप तक छा जाएंगे। ऐसा होने से लाखों युवाओं और महिलाओं को रोजगार मिलेगा। हमें एक्सपोर्ट प्रमोशन को लेकर प्रयास करना चाहिए।

गीडा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि गीडा में स्थापित हो रहीं रेडीमेड गारमेंट फैक्ट्रियां महिलाओं के स्वावलंबन का बड़ा आधार बन सकती हैं। इनसे जुड़कर महिलाएं प्रतिमाह 12 से 15 हजार रुपये कमा सकती हैं। उन्होंने कहा कि मातृशक्ति की ताकत को समाज अभी समझ नहीं पा रहा, जबकि वे गृहस्थी को संभालने के साथ स्वावलंबन का नया मॉडल खड़ा कर सकती हैं। डबल इंजन की सरकार महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़कर आत्मनिर्भर बना रही है।

सीएम ने कहा कि निवेशकों की दृष्टि से उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप स्किल डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना होनी चाहिए। जब अपने ही क्षेत्र की फैक्ट्री में रोजगार मिलने लगेगा, तो पूर्वी उत्तर प्रदेश के युवाओं को बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। स्किल डेवलपमेंट सेंटर के लिए गीडा को उद्यमियों के साथ मिलकर प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के दौर में किसी भी उत्पाद की डिजाइनिंग व पैकेजिंग का बड़ा महत्व है। इसके बिना उत्पाद को अपेक्षित महत्ता नहीं मिल पाती है। उन्होंने गीडा को पैकेजिंग इंस्टीट्यूट खोलने की तैयारी करने का निर्देश दिया।
 

गीडा से धुरियापार तक होगा औद्योगिक विकास

मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक विकास का नया क्षेत्र गीडा से धुरियापार तक होगा। इसके लिए गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के कार्य को तेजी से बढ़ाया जा रहा है। औद्योगिक विकास को नया आकार मिलने से लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। गोरखपुर आज हेल्थ और एजुकेशन सेक्टर का हब बन चुका है। गोरखपुर व पूर्वी उत्तर प्रदेश रोजगार का बड़ा केंद्र भी बन गया है।

उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास की दृष्टि से शून्य और अति पिछड़े जिलों में गिना जाने वाला गोरखपुर पिछले पांच सालों से विकास के नए प्रतिमान स्थापित कर रहा है। सबको पता है कि नब्बे के दशक में गोरखपुर की छवि और पहचान क्या थी। नए उद्योगों की स्थापना तो दूर, पहले से चले आ रहे उद्योग भी बंद होते जा रहे थे।

उन्होंने कहा कि साल 1989 में गीडा की स्थापना का प्रयास कागजी खानापूर्ति तक सीमित था। आवागमन के साधन नहीं थे। सड़कों की दशा अति जर्जर थी। गोरखपुर से लखनऊ जाने में 8 से 10 घंटे और वाराणसी जाने में 6 से 7 घंटे लग जाते थे। एयर कनेक्टिविटी नहीं थी। ट्रेनों में सीटें नहीं मिलती थीं। साल 2017 के बाद तस्वीर बदल गई है।

मुख्यमंत्री ने इन्हें सौंपा आवंटन पत्र

  • आवंटी का नाम  निवेश  रोजगार
  • मैसर्स वरुण वेवरेजज लिमिटेड (पेप्सिको) -1071.00 – 1500
  • नवनीत कुमार घिड़िया – 37.89 – 20
  • मैसर्स सेंट्रल वेयरहाउसिंग कारपोरेशन- 40 – 200
  • विशाल त्रिपाठी- 12.98 – 05
  • किशोरी लाल- 6.61 – 15
  • मनोरमा देवी – 1.33 – 37
  • महिमा पांडेय – 2.33 – 20

कई उद्यमियों को नहीं मिली बैठने की जगह

कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित उद्यमियों को बैठने की जगह नहीं मिली। मंच के सामने की पहली और दूसरी कतार की सीटों पर अन्य लोगों का कब्जा हो गया था। गीडा प्रशासन ने उद्यमियों के बैठने लिए अलग से कोई ब्लॉक नहीं बनाया था। जबकि लखनऊ में कोई कार्यक्रम होता है तो आयोजक प्रतिष्ठित उद्यमियों के नाम की पर्ची लगी कुर्सी लगाते हैं। उद्यमियों का कहना है कि गीडा प्रशासन को आगे से ऐसे कार्यक्रम में इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

इस बार नए उद्यमियों को मिला स्टॉल लगाने का मौका
गीडा दिवस के मौके पर गीडा ने चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के सहयोग से 24 स्टॉल लगाए। अधिकतर नए उद्यमियों को मौका दिया गया। इसमें प्लास्टिक इंडस्ट्रीज, रेडीमेड गारमेंट्स, सामान्य उद्योगों के अलावा बैंक और शैक्षणिक संस्थानों के स्टॉल शामिल रहे। मुख्यमंत्री ने इन स्टॉलों का जायजा लिया और प्रोत्साहित किया।

प्लास्टिक इंडस्ट्रीज में अशोक शॉ, विनय अग्रवाल, सनूप कुमार साहू। रेडीमेड गारमेंट्स में गौरव अग्रवाल, लक्ष्मी शास्त्री, रमाशंकर शुक्ला, सुनील गुप्ता, वीके मौर्या, दीपक कुमार कारीवाल के स्टॉल रहे। कौशल किशोर निगम का किचेन रैक व फ्रूटी बॉस्केट, आकाश जालान का एल्युमिनियम कंपोजिट पैनल्स, दिलीप कुमार गुप्ता का स्टेनलेस स्टील पाइप एंड ट्यूब, विकास चंद का केमिकल वाटर प्रूफिंग, पेंट, नवीन अग्रवाल का ब्रेड व केक, ओपी श्रीवास्तव का पैक्ड वाटर बोतल, एहसान करीम का प्लाइवुड, अमित सचान का टोरेंट गैस का स्टॉल लगाया गया था। शिक्षण संस्थानों में बुद्धा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, आईटीएम और केआईपीएम के स्टॉल लगाए गए थे। इसके अलावा तीन बैंकों के स्टॉल भी लगाए गए थे।

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