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राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी तय करेंगी हिमाचल में कांग्रेस का मुख्यमंत्री चेहरा

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हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री के चेहरे का फैसला प्रियंका गांधी लेंगी। पार्टी नेतृत्व ने राष्ट्रीय महासचिव को यह बड़ा फैसला लेने की जिम्मेवारी सौंप दी है। प्रियंका की रिपोर्ट के आधार पर हाईकमान मुख्यमंत्री को लेकर घोषणा करेगा। विधानसभा चुनाव के दौरान प्रियंका गांधी ने राजधानी शिमला से सटे छरावड़ा स्थित अपने घर से ही चुनाव प्रचार की कमान संभाली थी। चुनाव प्रचार के दौरान शिमला से ही प्रियंका गांधी प्रदेश में परिवर्तन प्रतिज्ञा रैलियां करने गईं। प्रदेश के सभी कांग्रेस नेताओं की कमियों और खूबियों से भी प्रियंका गांधी वाकिफ हैं। प्रदेश कांग्रेस में प्रियंका गांधी के कई गुप्त सूत्र भी हैं। इनसे उन्होंने लगातार चुनाव प्रचार के दौरान फीडबैक ली। कांग्रेस प्रत्याशियों के नाम तय करने के लिए पार्टी की तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी प्रियंका के शिमला स्थित घर से ही केंद्रीय चुनाव कमेटी की ऑनलाइन बैठक ली थी।

पार्टी नेता बताते हैं कि प्रत्याशियों के नाम तय करने में भी प्रियंका गांधी की अहम भूमिका रही है। ऐसे में कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत मिलने की स्थिति में विधायकों की बैठक के बाद हाईकमान प्रियंका गांधी की रिपोर्ट के बाद ही मुख्यमंत्री के चेहरे को फाइनल करेगा। प्रियंका की हिमाचल में हुई रैलियों में भी प्रदेश कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं ने भीड़ जुटाकर अपना शक्ति प्रदर्शन किया है। मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने दिल्ली जाकर प्रियंका गांधी से मुलाकात के लिए समय मांगा था। हालांकि, भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए प्रियंका गांधी को उस दौरान मध्य प्रदेश जाना पड़ा था। इस कारण प्रियंका गांधी की प्रतिभा सिंह, सुखविंद्र सिंह सुक्खू, कौल सिंह और हर्षवर्द्धन चौहान से मुलाकात नहीं हो सकी थी।

डाक मत पत्रों की वापसी सुनिश्चित करे आयोग : प्रतिभा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह ने राज्य चुनाव आयोग से सभी डाक मत पत्रों की वापसी सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। उन्होंने आयोग से सभी चुनाव रिटर्निंग अधिकारियों से इस कार्य में तुरंत तेजी लाने के निर्देश देने को भी कहा है। प्रतिभा सिंह ने बुधवार को प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी मनीष गर्ग से दूरभाष पर डाक मत पत्रों की वापसी की धीमी गति पर चिंता व्यक्त करते हुए इस कार्य में तेजी लाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात कुछ कर्मचारियों को डाक मत पत्र जारी होने के बावजूद संबंधित कर्मचारी को प्राप्त नहीं हुए। यह मतपत्र कहा गायब हो गए हैं, इसकी पूरी जांच की जानी चाहिए। डाक मतपत्रों के साथ किसी भी प्रकार से कोई छेड़छाड़ न हो, यह भी पूरी तरह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्हें यह भी जानकारी मिल रही है कि भाजपा के कुछ नेताओं ने रिटर्निंग अधिकारियों पर सत्ता का दबाव बना कर उनसे डाक मतदाताओं की सूचियां प्राप्त कर उन मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में मतदान करने को कहा जा रहा है। यही कारण है कि कर्मचारी अपना मतदान करने में कोई रुचि नहीं ले रहे हैं। मतदाताओं पर सत्ता का किसी भी प्रकार का दबाव लोकतंत्र की हत्या है।

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