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पसंदीदा सर-मैम के इंतज़ार में रहते हैं छात्र, जानें किस तकनीक से पढ़ते हैं स्कूली बच्चे

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सहरसा. पहली कक्षा से पांचवीं तक के छात्रों  को विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से पढ़ाने की सरकारी स्कूलों में शुरू की गई ‘चहक’ योजना का असर दिखाई देने लगा है. यही कारण है कि अब सरकारी स्कूलों में बच्चे ना सिर्फ खेल-खेल में पढ़ाई करने लगे हैं, बल्कि उन्हें अब यहां आने में मन लगने लगा है. सरकारी स्कूलों में गीत-संगीत के माध्यम से शिक्षक-शिक्षिका ने बच्चों को पढ़ाना शुरू किया है. बिहार के सहरसा जिले के नवहट्टा प्रखंड अंतर्गत नव प्राथमिक विद्यालय बेला बथान और नव प्राथमिक विद्यालय गढ़िया में शिक्षक-शिक्षिका के द्वारा बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाने का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसको लोग खूब पसंद कर रहे हैं.

यह वीडियो नवहट्टा प्रखंड अंतर्गत नव प्राथमिक विद्यालय बेला बथान और नव प्राथमिक विद्यालय गढ़िया का है, जहां बच्चे गीत- संगीत और खेल खेल के माध्यम से पढ़ाई करते नजर आ रहे हैं. इस तरह की गतिविधियों से बच्चे काफी लाभान्वित हो रहे हैं. छात्रों के चेहरे पर मुस्कान भी दिख रही है और वो खूब मजे से पढ़ाई कर रहे हैं. जो बच्चे कभी स्कूल समय पर नहीं पहुंचते थे, अब वो समय पर पहुंच रहे हैं और पूरा समय स्कूल में बिताते हैं. समय के अनुसार छात्र घर जाते हैं.

5 दिन का मिला था प्रशिक्षण

विद्यालय की शिक्षिका वीणा कुमारी बताती हैं कि उन लोगों को कुछ माह पहले चहक योजना के तहत बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाने का पांच दिनों का प्रशिक्षण दिया गया था. ट्रेनिंग हासिल करने के बाद अब वो लोग स्कूल में पहली से पांचवी कक्षा के बच्चों को खेल-खेल और नृत्य-संगीत के माध्यम से पढ़ाती हैं. इसका असर यह होता है कि बच्चे बहुत कुछ जल्दी सीख जा रहे हैं. उन्हें अब स्कूल आने में मन भी लग रहा है. आने वाले दिनों में इसका असर पठन-पाठन पर भी अच्छा दिखने लगेगा.

बढ़ने लगी है स्कूल में छात्रों की उपस्थिति

गीत-संगीत और खेल-खेल से पढ़ाई कर रहे छात्र सचिन कुमार ने बताया कि मैडम हम लोगों को गीत-संगीत और खेल-खेल के माध्यम से पढ़ाती हैं. इसमें हमलोगों को खूब मन लगता है और हम आसानी से पाठ सीख जाते हैं. अब हम लोग रोज स्कूल आने लगे हैं.

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