राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने बिहार के सारण जिले के ग्राम मलखाचक में रविवार को स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समारोह को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित किया। डॉ. भागवत ने कहा कि भारत का निर्माण विश्व के कल्याण के लिए हुआ है। हमें विश्व शक्ति बनकर दूसरों पर शासन नहीं करना बल्कि लोगों के दिल में उतरकर समग्र संसार का कल्याण करना है।
डॉ. भागवत ने कहा कि आजादी की लड़ाई में लड़ने वाले लोगों के जाति, पंथ, भाषा व प्रांत अलग थे लेकिन उनका उद्देश्य एक था। उनकी लड़ाई भारत को आजाद कराने के लिए थी। उन्होंने एक रहकर देश को आजाद कराया। आज हमें उसी सिद्धांत का प्रकटीकरण करना है। आज देश के लिए मरना नहीं है, लेकिन देश के लिए तिल-तिल जीना ही हमारी सोच होनी चाहिए। हम सभी भारत माता के पुत्र हैं, इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए।
संघ प्रमुख ने कहा कि ग्राम मलखाचक उनके लिए तीर्थाटन है। यह क्षेत्र सत्ता हस्तांतरण का केंद्र रहा है। भारत कभी गुलाम होने वाला नहीं है। देश के लिए सर्वस्व त्याग करने वाली इस भूमि को नमन करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि भारत में अभी भी अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था है जो धीरे-धीरे समाप्त हो रही है।
इसके पूर्व, डॉ भागवत ने शहीद श्री नारायण सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया और पत्रकार रविन्द्र कुमार की पुस्तक आंदोलन की बिखरी कड़ियां का विमोचन किया। कार्यक्रम में सारण सहित राज्य के कई जिलों से आए लगभग 350 स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल, छपरा सांसद राजीव प्रताप रूड़ी और महाराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सीग्रीवाल समेत कई प्रमुख लोग उपस्थित थे।