प्रदेश में बिजली की दरों में बढ़ोतरी हो सकती है। इसका प्रस्ताव तैयार करने के लिए यूपीसीएल ने नियामक आयोग से एक माह का समय मांगा है। वहीं, पिटकुल ने अपना प्रस्ताव तैयार कर लिया है और यूजेवीएनएल का प्रस्ताव जल्द ही निदेशक मंडल की बैठक में रखा जाएगा।
प्रदेश के तीनों ऊर्जा निगमों (यूपीसीएल, पिटकुल, यूजेवीएनएल) को अपनी कमाई और संभावित खर्चों के मद्देनजर हर साल 30 नवंबर तक उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग में अपनी याचिका दायर करनी होती है। इसमें वह बताते हैं कि भविष्य में उन पर कितना आर्थिक बोझ बढ़ने वाला है, जिसकी भरपाई के लिए दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया जाता है। इस साल यूपीसीएल अभी अपना प्रस्ताव तैयार करने में जुटा है।
यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया कि नियामक आयोग से याचिका दायर करने के लिए एक माह का समय मांगा गया है। बताया कि प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है। पहले ऑडिट समिति के सामने प्रस्ताव जाएगा। इसके बाद इसे निदेशक मंडल की बैठक से पास किया जाएगा। इसके बाद नियामक आयोग में टैरिफ बढ़ोतरी की याचिका दायर की जाएगी। इस याचिका पर आयोग जनसुनवाई करेगा। फिर एक अप्रैल से नई विद्युत दरें लागू होंगी। इस साल भी एक अप्रैल से आयोग ने बिजली दरों में बढ़ोतरी की थी।
पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड (पिटकुल) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 498.72 करोड़ का प्रस्ताव निदेशक मंडल की बैठक में पास किया है। पिछले साल पिटकुल को आयोग ने 402 करोड़ की मंजूरी दी थी। पिटकुल के एमडी पीसी ध्यानी ने बताया कि जल्द ही नियामक आयोग में याचिका दायर दी जाएगी। उधर, उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) के टैरिफ प्रस्ताव पर अगले सप्ताह होने वाली बोर्ड बैठक में चर्चा की जाएगी। इसके बाद यूजेवीएनएल भी 30 नवंबर तक याचिका दायर कर देगा।