गणतंत्र दिवस पर लगातार तीसरी बार हिमाचल की झांकी के कर्तव्य पथ (राजपथ) पर दर्शन नहीं होंगे, जबकि देश के अन्य राज्यों की आकर्षक झांकियां लोगों को आकर्षित करेंगी। सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण अटल टनल रोहतांग की झांकी पिछले साल आखिरी दौर में बाहर हुई थी। इस बार प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव ने भी हिमाचल की झांकी की दिल्ली जाने की राह रोकी है। इस बार केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को गणतंत्र दिवस के लिए अपनी झांकियां तैयार करने के लिए पत्र भेजा था।
इसके बाद भी हिमाचल प्रदेश अपनी झांकी तैयार करने में विफल रहा है। हिमाचल प्रदेश भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग के अधिकारियों से मालूम हुआ है कि केंद्र सरकार से समय पर राज्य सरकार को इसकी सूचना नहीं मिली। इसके अलावा प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के कारण भी हिमाचल की झांकी बनाने का मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इस साल हिमाचल की झांकी दिल्ली में गणतंत्र दिवस के लिए नहीं जा रही है।
क्या कहते हैं विभाग के निदेशक
इस बार हिमाचल की झांकी गणतंत्र दिवस पर नहीं दिखेगी। झांकी तैयार करने के लिए केंद्र सरकार से समय पर प्रदेश को सूूचना नहीं मिली और दूसरा कारण विधानसभा चुनाव भी रहा है। – पंकज ललित, निदेशक, हिमाचल प्रदेश भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग
पांच बार दिखी हिमाचली संस्कृति की झलक
गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ (राजपथ पर) पर हिमाचल प्रदेश की संस्कृति की झलक झांकियों में अब तक पांच बार दिखी है। 2007 में लाहौल-स्पीति, 2012 में किन्नौर, 2017 में चंबा की संस्कृति की झलक दिखी थी। 2018 में लाहौल-स्पीति के की गोंपा की झांकी दिखाई गई थी। वर्ष 2020 में अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा की झांकी को भी केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने शामिल किया था। वर्ष 2019 में महात्मा गांधी की हिमाचल यात्रा का प्रस्ताव भेजा गया था। रक्षा मंत्रालय ने हिमाचल की इस झांकी के मॉडल को भी खारिज कर दिया था। वर्ष 2021 में अटल टनल रोहतांग और 2022 में आजादी का अमृत महोत्सव विषय पर आधारित स्वतंत्रता आंदोलन को लेकर धामी में हुए गोलीकांड की झांकी का प्रस्ताव खारिज हो गया था।