काशी तमिल संगमम के सांस्कृतिक सन्ध्या में शुक्रवार को मिर्जापुर की प्रसिद्ध कजरी गीत ‘कचौड़ी गली सुन कइलू बलमू’ की प्रस्तुति पर श्रोता झूम उठे। काहिवि के एम्फीथिएटर मैदान पर बने मुक्ताकाशी मंच पर विवि के संगीत विभाग के सहायक आचार्य डा ज्ञानेश चन्द्र पाण्डेय ने कजरी गीत के साथ भगवान शिव के भजन जय जय शिव शंकर से कार्यक्रम की शुरुआत की।
उन्होंने अपने दूसरी प्रस्तुति में भजन सहजनवा तू का जानो प्रीत की शानदार प्रस्तुति से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सांस्कृतिक निशा में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद तेलंगाना की गवर्नर और पुद्दुचेरी की लेफ्टिनेंट गवर्नर डॉ.तमिलिसाई सौंदरराजन और प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने कलाकारों का जमकर उत्साह बढ़ाया। तमिलनाडु से आये अतिथि कलाकारों ने समूह गायन वादन के साथ नृत्य की मनोहारी प्रस्तुति की।
काहिवि के ही युवा छात्र बागीश पाठक ने अपने प्रथम मंगल गीत हेरी सखी मंगल गाओ री भजन ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को झूमने पर विवश कर दिया। उन्होंने गीत किसके उसके मंजिल का पता पाया नहीं जाता , सूफी भजन सजा दो घर को गुलशन सा,मेरे सरकार आएं हैं की दमदार प्रस्तुति से तालियां बटोरीं। इसी क्रम में तृतीय प्रस्तुति तमिलनाडु के लोक-गीत एवं लोक नृत्य का मंचन एस ज़ेविओट जयकुमार कराकुड ने किया। उन्होंने नमस्ते काशी हर हर महादेव के जयकारों के साथ शुरूआत की। इसके बाद तमिलनाडु के प्रसिद्ध लोक गीतों की प्रस्तुति दी। जिसमें मां दुर्गा के रौद्र रूप एवं बाल कलाकार द्वारा विशेष लोक नृत्य की प्रस्तुति सराहनीय रही। चतुर्थ प्रस्तुति तमिलनाडु के मुत्तु चंद्रन त्ववाली के नेतृत्व में (तोलपावा कुथु ) रामायण पर आधारित कठपुतली नृत्य के माध्यम से राम लक्ष्मण और हनुमान के चरित्र का मंचन किया गया। कठपुतली नृत्य दक्षिण भारत सभ्यता में देख दर्शक दीर्घा में बैठे मेहमान भावविभोर हो गये। कार्यक्रम की चौथी प्रस्तुति कलईमामणि प्रिया मुरली के नेतृत्व में भरत नाट्यम की हुई।
-तेलंगाना की राज्यपाल ने स्टालों का किया अवलोकन
काशी तमिल संगमम में भाग लेने आई तेलंगाना की गवर्नर और पुद्दुचेरी की लेफ्टिनेंट गवर्नर डॉ.तमिलिसाई सौंदरराजन ने प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। तमिलनाडु के संस्कृति और महान नायकों के बारे में जानकारी दे रही प्रदर्शनी की उन्होंने सराहना की। उत्तर-दक्षिण के विभिन्न हस्तकला, हस्तशिल्पों, दक्षिण में बने खिलौनों, मूर्ति पुस्तकों एवं उत्तर दक्षिण के कलाकारों, मंदिरों पर आधारित प्रदर्शनी को देख काफी खुश दिखी। उन्होंने संगमम् में लगे 75 स्टालों पर भ्रमण किया और तमिलनाडु से आये मेहमानों का हाल चाल और उनके काशी यात्रा के अनुभव को जाना। गवर्नर को अपने बीच देख दक्षिण से आए लोगों ने खुशी जाहिर की और उनके साथ में फोटो खिंचवाया। बीएचयू की प्रदर्शनी में उन्होंने महामना के योगदान को देखा और नमन किया।