Search
Close this search box.

नई पंचायतों की शक्तियों में इजाफा, अब अवैध कनेक्शन काट और जुर्माना भी लगा सकेंगी

Share:

हरियाणा सरकार ने नवनिर्वाचित पंचायतों की शक्तियों में और इजाफा किया है। नई पंचायतों को पेयजल आपूर्ति, जल प्रदूषण रोकने के साथ सीवरेज प्रबंधन का जिम्मा भी सौंपा गया है। हर पंचायत में जल एवं सीवरेज प्रबंधन समितियों का गठन होगा। इनके पास पानी की दरें संशोधित कर बढ़ाने, अवैध-अस्वच्छ प्रदूषण वाले कनेक्शन काटने और जुर्माना लगाने की शक्तियां भी रहेंगी।

सरकार ने सभी गांवों में पेयजल और सीवरेज सेवाओं में सुधार और वितरण मजबूत करने के लिए जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की दिसंबर 2019 में जारी अधिसूचना में संशोधन किया है। हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 21 में पेयजल और जल प्रदूषण पर नियंत्रण शामिल है।

जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अपूर्व कुमार सिंह की ताजा अधिसूचना के अनुसार पंचायतों में ग्राम जल एवं सीवरेज समिति (बीडब्ल्यूएससी), पानी समिति और स्वैच्छिक समिति का गठन किया जा सकता है।

ग्राम पंचायत बीडब्ल्यूएससी के गठन को मान्यता देगी। इसके पदेन अध्यक्ष सरपंच होंगे। तीन पंच पदेन सदस्य रहेंगे, जिनमें से दो महिलाएं होंगी। एक महिला एससी, एक सामान्य वर्ग से होगी। इन्हें सरपंच नामित करेगा। सरपंच और पंच के अलावा चार अन्य सदस्य चुने जाएंगे, जो सभी वर्गों से होंगे। इन्हें गांव और समुदाय के समग्र विकास का अनुभव होना जरूरी है। 

पांच सदस्य सेवानिवृत्त शिक्षक, ग्राम चौकीदार, पंप ऑपरेटर, फिटर, प्लंबर, हेल्पर इत्यादि हो सकते हैं, इनमें कम से कम तीन महिलाएं रहेंगी। विकास एवं पंचायत विभाग से एक कनिष्ठ अभियंता सदस्य होंगे। ग्राम सचिव संयोजक रहेंगे। जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कनिष्ठ अभियंता तकनीकी सदस्य होंगे। कुल सदस्यों की संख्या 16 होगी, जिनमें से 8 महिलाएं होना जरूरी हैं।

समिति का कार्यकाल सरपंच-पंच के कार्यकाल के साथ खत्म होगा। सरपंच के निलंबित होने पर बीडीपीओ, कार्यवाहक सरपंच के अलावा प्रशासक को समिति के संचालन का जिम्मा सौंपा जा सकता है। सदस्य समिति से इस्तीफा दे सकते हैं। तीन महीने तक कार्यभार न संभालने, भूमिका सही से न निभा पाने, धन के गबन-दुरुपयोग की स्थिति, करीबी रिश्तेदार को फायदा पहुंचाने की स्थिति में विभाग पंचायत के माध्यम से नई समिति गठित कर सकता है।

पानी समिति के अध्यक्ष बीडीपीओ होंगे। समिति में कुल 16 सदस्य रहेंगे, जिनमें कम से कम आठ महिलाएं होंगी। विभाग के कनिष्ठ अभियंता की अध्यक्षता वाली स्वैच्छिक समिति में सात सदस्य होंगे। समितियों के सही काम न करने पर उन्हें भंग कर पुनर्गठित किया जा सकता है।

ये रहेगा समितियों का काम
  • ग्राम स्तर पर जलापूर्ति, सीवरेज संबंधी योजनाएं बनाना। क्रियान्वयन, पर्यवेक्षण, निगरानी, संचालन, रखरखाव, कायाकल्प के अलावा टयूबवेल, बूस्टर्स और पाइपलाइन इत्यादि का प्रबंधन करना।
  • योजनाओं के लिए विभाग से प्रशासनिक व तकनीकी स्वीकृति लेना।
  • जलापूर्ति, सीवरेज से जुड़े विभागों के बीच कड़ी का काम करना।
  • धन प्राप्ति के बहीखाता, रिकॉर्ड को ऑडिट, निरीक्षण के लिए उपलब्ध करवाना।
  • योजनाओं के लिए स्वीकृत धनराशि लेना और खर्च करना।
  • जलापूर्ति, सीवरेज कार्यों के लिए ठेकेदारों, संगठनों से अनुबंध करना।
  • योजनाओं के क्रियान्वयन, समस्याओं के हल के लिए ग्रामीणों को एकजुट करना।
  • योजनाओं के तहत लोगों को कनेक्शन दिलाना।
  • शुल्क, फीस वसूली करना, योजनाओं का बाधारहित संचालन।
  • समितियां सभी कार्यों के लिए ग्राम सभा के प्रति जवाबदेह होंगी।
  • योजनाओं का लोगों को समान लाभ दिलाना।
  • सामुदायिक योगदान के तहत नकद राशि, श्रम या भूमि जुटाना।
  • जलापूर्ति, सीवरेज कनेक्शन देना। अधिकृत प्रयोगशाला से पेयजल की जांच करवाना।
  • विभाग से प्राप्त राशि का उपयोगिता प्रमाण देना।
  • सूखा, बाढ़ और महामारी के समय अहम भूमिका निभाना।
  • संशोधित पानी के टैरिफ को बीडब्ल्यूसी की बैठक में प्रस्ताव पारित कर बढ़ाने का अधिकार।

Leave a Comment

voting poll

What does "money" mean to you?
  • Add your answer

latest news