पाकिस्तान से शुक्रवार को प्रकाशित अधिकांश समाचारपत्रों ने नए सेना अध्यक्ष के तौर पर आसिम मुनीर की नियुक्ति की खबरें प्रमुखता से प्रकाशित की हैं। साहिर शमशाद को चेयरमैन ज्वाइंट ऑफ स्टॉफ कमेटी के तौर पर नियुक्त किया गया है। प्रधानमंत्री के भेजे गए प्रस्ताव पर राष्ट्रपति ने अपनी मुहर लगा दी है। आसिम मुनीर आईएसआई प्रमुख के पद पर भी रह चुके हैं।
अखबारों ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का एक बयान छापा है जिसमें उन्होंने कहा है कि दबाव के बावजूद मेरिट पर प्रमुख नियुक्तियों का फैसला लिया गया है। नवनियुक्त सेनाध्यक्ष और चेयरमैन ज्वाइंट ऑफ स्टॉफ कमेटी ने राष्ट्रपति आरिफ अलवी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से अलग-अलग मुलाकातें की हैं। अखबारों ने लिखा है कि प्रधानमंत्री के भेजे गए प्रस्ताव पर राष्ट्रपति आरिफ अलवी ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से भी मशविरा किया है। पीटीआई ने नई नियुक्तियों का स्वागत किया है।
लांग मार्च के दौरान घायल हुए इमरान खान का प्लास्टर हटाए जाने और उन्हें डॉक्टरों से यात्रा की अनुमति मिलने की खबरें भी अखबारों ने महत्व के साथ प्रकाशित की हैं। अखबारों ने यूक्रेन पर रूसी मिसाइल हमले में 3 लोगों के मारे जाने की खबरें भी दी हैं। अखबारों ने नेपाल में शेर बहादुर देउबा के पांचवी बार प्रधानमंत्री निर्वाचित होने की खबरें भी दी हैं। अखबारों ने मलेशिया के बादशाह के जरिए विपक्ष के लीडर अनवर इब्राहिम को अगला प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने की खबरें भी दी हैं।
अखबारों ने रूसी कंपनियों को डॉलर के बजाय रुपये में भुगतान किए जाने की खबरें दी हैं। भारत पेट्रोल के बाद रूस से खादों का भी सबसे बड़ा खरीदार बन गया है। अखबारों ने भारत में तैनात होने वाली अमेरिकी राजनयिक के रिक्शा खरीदे जाने की खबरें दी है। अमेरिकी राजनयिक ने कहा है कि पाकिस्तान में हथियारबंद गाड़ियों में सफर करते वक्त जब वह रिक्शा देखती थीं तो उस पर सवारी करने की उनकी ख्वाहिश होती थी। भारत में नियुक्ति मिलने पर उनकी यह तमन्ना पूरी हो गई है। यह सभी खबरें रोजनामा पाकिस्तान, रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा खबरें, रोजनामा दुनिया, रोजनामा एक्सप्रेस, रोजनामा जंग, रोजनामा ओसाफा आदि के पहले पन्ने पर प्रकाशित की है।
रोजनामा नवाएवक्त ने पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकवादियों के लांचिंग पैड मौजूद होने के भारत के दावे को मनगढ़ंत करार दिए जाने की खबर छापी है। सेना प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल बाबर इफ्तिखार के हवाले से कहा गया है कि पाक सेना क्षेत्र में शांति और अमन की ख्वाहिशमंद है। उनका कहना है कि भारत का यह प्रोपेगेंडा कश्मीरियों में मानवाधिकारों के हनन के आरोपों से दुनिया का ध्यान हटाने के लिए है।