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टीपू सुल्तान पर लिखी किताब की बिक्री पर तीन दिसंबर तक रोक, झूठी जानकारियां देने का आरोप

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टीपू सुल्तान पर लिखी किताब ‘टीपू निज कनसुगलू’ (टीपू का असल सपना) के वितरण व बिक्री पर कर्नाटक की एक अदालत ने मंगलवार को तीन दिसंबर तक अंतरिम रोक लगा दी। पुस्तक के खिलाफ जिला वक्फ बोर्ड समिति के अध्यक्ष बीएस रफीउल्ला ने मुकदमा दायर किया था। उन्होंने कहा था कि इसमें मैसूरू के पूर्व शासक टीपू सुल्तान को लेकर झूठी जानकारियां दी गई हैं।

सत्र न्यायालय ने आदेश में कहा, यह पुस्तक अगले आदेश तक बेच या बांट नहीं सकते। ऑनलाइन बिक्री पर भी अंतरिम रोक लगाई गई है। हालांकि, प्रकाशन, पहले से छप चुकी पुस्तकों को रखने व भंडारण पर रोक नहीं है। यह कन्नड़ पुस्तक लिखने वाले करिअप्पा राज्य के नाट्य संस्थान रंगायना के निदेशक हैं। मुस्लिम समुदाय ने पुस्तक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए थे।

यह थीं आपत्तियां
इसके खिलाफ दायर मुकदमे में रफीउल्ला ने कहा था, बिना ऐतिहासिक साक्ष्यों और तर्कसंगत तथ्यों के पुस्तक में झूठी जानकारियां दी गई हैं। इसमें ‘तुरुकारू’ (तुर्की का) शब्द का उपयोग हुआ है, यह मुसलमान समुदाय के लिए अपमानजनक है। इससे समाज में असंतोष फैलने और सामाजिक सौहार्द व शांति व्यवस्था बिगड़ने की आशंका है।

अदालत ने माने वादी के तर्क
वादी के तर्क पर सहमति जताकर अदालत ने कहा, ‘अगर पुस्तक में दी गई जानकारियां गलत हैं, तो इसके वितरण से अपूरणीय नुकसान होगा। सांप्रदायिक सौहार्द व शांति व्यवस्था बिगड़ने की भी आशंका है।

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