सुप्रीम कोर्ट मुंबई की आरे कॉलोनी में काटे गए पेड़ों के मामले में 24 नवंबर को सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमएमआरसीएल) की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर ध्यान दिया। मेहता ने दलील दी थी कि 84 पेड़ों को काटा जाना जरूरी था।
पेड़ न काटने के दिए थे निर्देश
पांच अगस्त को मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एमएमआरसीएल) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि अक्तूबर 2019 के बाद आरे कॉलोनी में कोई पेड़ नहीं काटा गया है। कोर्ट ने 24 अगस्त को एमएमआरसीएल को पेड़ न काटने के निर्देश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर निर्देश का उल्लंघन किया जाता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
छात्र ने पेड़ों की कटाई रोकने का किया था अनुरोध
विधि के एक छात्र ने 2019 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश से आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। छात्र के पत्र का संज्ञान लेते हुए न्यायालय ने उसे याचिका में बदल दिया था।