KCC Interest Subvention: आरबीआई के अनुसार “ब्याज में छूट की गणना ऋण राशि पर संवितरण/निकासी की तारीख से किसानों की ओर से ऋण की वास्तविक चुकौती की तारीख तक या बैंकों की ओर से निर्धारित ऋण की देय तिथि तक, जो भी पहले हो पर की जाएगी।
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिए संशोधन के साथ ब्याज अनुदान योजना (आईएसएस) को जारी रखने को मंजूरी दे दी है। आरबीआई बुधवार को एक बयान में कहा कि किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से 3,00,000 रुपये तक के अल्पकालिक ऋण के लिए ब्याज दर सात प्रतिशत होगी। चालू वित्त वर्ष 2022-23 और अगले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ब्याज अनुदान 1.5 प्रतिशत होगा।
खेती और संबद्ध गतिविधियों के लिए 3 लाख रुपये की कुल सीमा तक अल्पावधि फसल ऋण और अल्पावधि ऋण प्रदान करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। ऋण देने वाली संस्थाओं को ब्याज अनुदान प्रदान किया जाए इस उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSB), निजी क्षेत्र के बैंक, लघु वित्त बैंक (SFB) और कम्प्यूटरीकृत प्राथमिक कृषि सहकारी समितियाँ (PACS) को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (SCB) के साथ तहत कर दिया गया है।
आरबीआई के अनुसार “ब्याज में छूट की गणना ऋण राशि पर संवितरण/निकासी की तारीख से किसानों की ओर से ऋण की वास्तविक चुकौती की तारीख तक या बैंकों की ओर से निर्धारित ऋण की देय तिथि तक, जो भी पहले हो पर की जाएगी। यह छूट एक वर्ष की अधिकतम अवधि के लिए होगी। विशेष रूप से, समय पर भुगतान करने वाले किसानों को 3 प्रतिशत प्रति वर्ष की अतिरिक्त ब्याज सहायता प्रदान की जाएगी।” ब्याज पर अनुदान आमतौर पर कृषि क्षेत्र में ऋण प्रवाह की स्थिरता सुनिश्चित करता है और साथ ही वित्तीय स्वास्थ्य और ऋण देने वाली संस्थाओं की व्यवहार्यता सुनिश्चित करता है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पर्याप्त कृषि ऋण सुनिश्चित करता है।