हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पर्यटन विभाग को राष्ट्रीय वायु क्रीड़ा पॉलिसी के तहत नियम बनाने के आदेश दिए हैं। इस मामले में पक्षकारों ने बीड़-बिलिंग में बढ़ते हादसों को रोकने के लिए सुझाव दिए। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने पर्यटन विभाग से इन सुझावों पर जवाब भी तलब कर लिया है। मामले की अगली सुनवाई अब 16 दिसंबर को निर्धारित की गई है। इस मामले में पर्यटन विभाग के निदेशक अमित कश्यप ने अदालत को आश्वस्त किया कि हिमाचल प्रदेश वायु क्रीड़ा नियमों को राष्ट्रीय वायु क्रीड़ा पॉलिसी के तहत बनाया जाएगा। एक महीने के भीतर पॉलिसी के अनुसार कमेटियों का गठन कर सक्रिय कर दिया जाएगा। विभाग के निदेशक ने अदालत को बताया कि पैराग्लाइडिंग के लिए ट्रैकिंग सिस्टम बनाने की संभावनाएं तलाशी जा रही है।
इसके अलावा मोबाइल एप को भी बनाया जा रहा है। इससे पैराग्लाइडिंग पर नियंत्रण खोकर गुम हुए पर्यटकों को तलाशने में मदद मिलेगी और साथ ही पायलट के उपकरणों की निगरानी भी की जाएगी। नेशनल पैराग्लाइडिंग स्कूल को पहली अप्रैल 2023 से चालू किया जाएगा। गौरतलब है कि बीड़ बिलिंग में पैराग्लाडिंग के बढ़ते हादसों का अदालत ने संज्ञान लिया है। पैराग्लाडिंग के दौरान 12 साल के आदविक की मौत की प्रकाशित खबर पर अदालत ने जनहित याचिका दर्ज की है। बिलिंग में दो महीनों के भीतर पैराग्लाइडिंग की तीन दुर्घटनाएं हो चुकी है। अक्तूबर में मिजोरम निवासी सेना के जवान की पैराग्लाइडर के बिलिंग के पास दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से मौत हो गई थी। एक अन्य दुर्घटना में गाजियाबाद के एक पर्यटक और उसके सहायक की भी बिलिंग से उड़ान भरने के दौरान मौत हो गई थी।