छिंदवाड़ा जिले में 69 प्राइमरी और 127 मिडिल स्कूल शून्य शिक्षकीय शाला हैं। यानी इन स्कूलों में एक भी शिक्षक पदस्थ नहीं हैं और बाकायदा स्कूलों को लगाया जा रहा है। शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा ट्राइबल क्षेत्र के जुन्नारदेव और हर्रई विकासखंड के स्कूल हैं, जहां पर शून्य शिक्षकीय शाला ज्यादा हैं।
इस मामले में अधिकारियों का कहना है, स्कूलों में अतिथि या फिर पड़ोसी शालाओं के शिक्षकों को भेजकर पढ़ाई कराई जा रही है। हालांकि ये तरीका शिक्षा विभाग की व्यवस्था पर सवालिया निशान हैं। छिंदवाड़ा, चौरई, परासिया, मोहखेड़ और सौंसर विकासखंडों में एक भी स्कूल ऐसा नहीं है, जहां पर शून्य शिक्षकीय शाला हैं। इन विकासखंडों के स्कूलों में कम से कम एक शिक्षक पदस्थ है। दूसरी ओर हरई विकासखंड के 63, जुन्नारदेव विकासखंड के 83 और तामिया में 43 स्कूल ऐसे हैं, जहां पर एक भी शिक्षक पदस्थ नहीं हैं।
यहां हालात ज्यादा खराब…
ट्राइबल विकासखंड होने के कारण गांवों में शिक्षक पदस्थ नहीं होते हैं। इसके अलावा अमरवाड़ा, बिछुआ के तीन-तीन और पांढुर्ना विकासखंड की सिर्फ एक शून्य शिक्षकीय शाला है। कई स्कूल अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं। इसके लिए नजदीक के शासकीय स्कूल के शिक्षक को शून्य शिक्षकीय शाला का प्रभार सौंप दिया जाता है, लेकिन इस पूरी अव्यवस्था के कारण बच्चों की पढ़ाई जरूर प्रभावित होती है।
ये हैं जिले के स्कूलों के हालात…
छिंदवाड़ा में सहायक शिक्षक या वर्ग तीन (एलडीटी/पीएसटी) के शिक्षकों के कुल तीन हजार 360 पद स्वीकृत हैं, जिसके एवज में तीन हजार 902 शिक्षक पदस्थ हैं। यानी 542 शिक्षक ज्यादा पदस्थ हैं। इसके बावजूद इन शिक्षकों को माध्यमिक शाला में पढ़ाने की जिम्मेदारी दे दी गई है।
उच्च श्रेणी या माध्यमिक शाला शिक्षक के कुल दो हजार 967 पद स्वीकृत हैं, जबकि जिले में एक हजार 329 शिक्षक ही पदस्थ हैं। ऐसे में एक हजार 638 शिक्षकों के पद रिक्त होने पर प्राथमिक शाला के शिक्षकों को कुछ माध्यमिक शाला की जिम्मेदारी सौंप दी गई है।
शिक्षकीय संवर्ग के ऐसे हाल…
- स्वीकृत- 9 हजार 005
- कार्यरत- 6 हजार 436
- रिक्त- 2 हजार 569
शून्य शिक्षकीय शालाओं के हाल…
- कुल विकासखंड- 11
- प्राइमरी स्कूल- 69 माध्यमिक शाला- 127
- कुल- 196
- एक शिक्षकीय शाला
- कुल विकासखंड- 11
- प्राथमिक- 269
- माध्यमिक- 159
- कुल- 428