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यहां इंदिरा आई थीं…तब बीजेपी के कुशाभाऊ हारे थे, अब उसी बुरहानपुर में है राहुल की सभा

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बुरहानपुर जिले में भारत जोड़ो यात्रा के साथ 23 नवंबर को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी प्रवेश करेंगे। महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश को जोड़ने वाले गांव करोली-बोदरली से मध्यप्रदेश में प्रवेश  करेंगे। राहुल, नेहरू गांधी परिवार के चौथे शख्स हैं, जो बुरहानपुर आ रहे हैं। 41 साल पहले 1980 में देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और राहुल की दादी इंदिरा गांधी बुरहानपुर आई थीं। तीन दिन यहां रुकी भी थीं। सबसे खास है कि जिस बोदरली गांव से राहुल गांधी यात्रा निकाल रहे हैं, उसी गांव में इंदिरा गांधी ने रात दो बजे टॉर्च की रोशनी में चुनावी सभा को संबोधित किया था।

साल 1980 में पूर्व प्रधानमंत्री लोकसभा चुनाव के दौरान बुरहानपुर पहुंची थीं। वे यहां पूर्व सांसद ठाकुर शिव कुमार सिंह के चुनाव प्रचार के लिए आई थीं। इस दौरान तीन दिन तक बुरहानपुर और नेपानगर में प्रचार करती रहीं। उन्हें देखने और सुनने लाखों की संख्या में लोग सड़कों पर खड़े थे। इस चुनाव में उस समय सांसद के उम्मीदवार ठाकुर शिव कुमार सिंह ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता कुशाभाऊ ठाकरे को हराया था।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने क्या कहा…
वरिष्ठ कांग्रेस नेता एसएम तारिक बताते हैं, तब लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी ठाकुर शिवकुमार सिंह के चुनाव के दौरान तीन दिन तक पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी खुली जीप में शहर की गलियों में घूमी थीं। प्रचार के दौरान कई सभाओं को संबोधित किया था। उन्हें सुनने और उनकी एक झलक पाने के लिए बड़ी संख्या में लोग सड़कों और घरों की छतों पर मौजूद थे। 

सोनिया गांधी भी पहुंची थीं बुरहानपुर…
कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी भी बुरहानपुर आ चुकी हैं। वे यहां तत्कालीन सांसद ठाकुर शिव कुमार सिंह की प्रतिमा का अनावरण करने साल 2000 में झिरी में स्थित शुगर फैक्ट्री पहुंची थीं। उन्होंने यहां प्रतिमा का अनावरण किया था। उन्होंने शुगर फैक्ट्री का भ्रमण भी किया। ठाकुर परिवार से मिलकर रवाना हो गई थीं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. तारिक ने बताया कि सालों पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और सोनिया गांधी खंडवा भी आए थे। वे कांग्रेस को मजबूत करने के लिए सभा संबोधित करने पहुंचे थे। उस समय सोनिया गांधी के पास पद नहीं था। वे केवल राजीव गांधी के साथ चला करती थीं।

अब 23 नवंबर को बुरहानपुर आ रहे राहुल गांधी…
गांधी परिवार की तीसरी पीढ़ी के रूप में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी 23 नवंबर को बुरहानपुर आ रहे हैं। वे करोली, बोदरली ग्राम से मध्यप्रदेश की सीमा में प्रवेश करेंगे। उनके आगमन को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। ठाकुर परिवार ने शहर की सड़कों पर उनकी दादी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, उनकी मां सोनिया गांधी के साथ पुराने फोटो होर्डिंग पर लगाए हैं।

नेहरू भी आए थे नेपानगर…
26 अप्रैल 1956 को पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू नेपानगर आए थे। हालांकि, उस समय बुरहानपुर खंडवा जिले में आता था, लेकिन अब बुरहानपुर जिला है। नेहरू ने नेपा मिल राष्ट्र को समर्पित की थी। मिल आज भी चालू है। हाल में इसका करोड़ों की लागत से दोबारा जीर्णोद्धार हुआ है। यहां अखबारी कागज बनता है। भारत जोड़ो यात्रा के स्वागत प्रभारी बनाए गए ठाकुर सुरेंद्र सिंह शेरा का परिवार राहुल को उनकी तीन पीढ़ियों से सजा एक एल्बम भेंट करेगा। स्व. पूर्व सांसद ठाकुर शिव कुमार सिंह के परिवार में इस वक्त उनके छोटे भाई ठाकुर सुरेंद्र सिंह निर्दलीय विधायक हैं। भतीजे हर्षित ठाकुर और उनका पूरा ठाकुर परिवार राहुल गांधी जब बुरहानपुर पहुंचेंगे, तो उन्हें उनकी दादी, उनकी मां के साथ खिंचाई फोटो का एल्बम भेंट करेगा।

ठाकुर सुरेंद्र सिंह ने साझा किए अनुभव…
ठाकुर परिवार के सदस्य बुरहानपुर के निर्दलीय विधायक और भारत जोड़ो यात्रा के स्वागत प्रभारी बनाए गए ठाकुर सुरेंद्र सिंह ने इंदिरा गांधी के बुरहानपुर आगमन के अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया, इंदिरा गांधी आई थीं, तो खुली जीप में प्रचार किया था। रात के 2 बजे बोदरली, मोमिनपुरा में आमसभा हुई थी। बिजली की समस्या थी, किसानों के बीच टॉर्च की रोशनी में सभा की थी। रात में 2 बजे उन्होंने बोदरली में भाषण दिया था। आज उनके पोते राहुल गांधी आ रहे हैं। उनका स्टे भी वहीं है, जहां साल 2000 में उनकी मां सोनिया गांधी भूमिपूजन के लिए आई थीं।

उन्होंने कहा, साल 1990 में स्वर्गीय राजीव गांधी ने दूसरे नंबर के भाई महेंद्र सिंह जी को टिकट दिया। साल 1998 में सोनिया ने मंजूश्री को विधानसभा का टिकट दिया। साल 2000 में खुद सोनिया गांधी बुरहानपुर आईं। किसान सम्मेलन किया, ठाकुर शिवकुमार सिंह मेमोरियल कॉलेज का भूमिपूजन किया। ठाकुर शिवकुमार सिंह की मूर्ति का अनावरण भी किया था। कुछ साल पहले मैं खुद राहुल जी से मिला था।

साल 1977 में पहले लोकसभा बाई इलेक्शन में इंदिरा गांधी ने हमारे भाई स्वर्गीय शिव कुमार सिंह को लोकसभा का टिकट दिया था। साल 1980 में इंदिरा मोमिनपुरा स्थित घर में तीन दिन रुकी थीं, तब शिव कुमार भैया ने कुशाभाऊ ठाकरे को हराया था। भारत जोड़ो यात्रा के पोस्टर में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तस्वीर भी लगाई गई है। भतीजे हर्षित ने कहा, इंदिरा गांधी आई थीं, तब तो मुझे होश भी नहीं था। आज हमारा जो कुछ है, सब उन्हीं का है। तीन पीढ़ियों के संबंध केवल बोलने वाले नहीं हैं, इंदिरा घर में खाना खा रही हैं। बड़ा भाई उनकी गोदी में खेल रहा है। यह सब पल थे, लेकिन तब मुझे तो होश नहीं था। बाद में फोटोग्राफ्स में यह सब देखा। राहुल गांधी के आगमन को लेकर भव्य रूप से तैयारियां की जा रही हैं। बोदरली से लेकर शहर तक होर्डिंग और बैनर नजर आ रहे हैं। खास है कि इसमें ठाकुर परिवार के इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के परिवार से जुड़ाव के फोटो लगाए गए हैं।

बंजारा लोक नृत्य से होगा स्वागत…
राहुल गांधी 23 नवंबर को सुबह 6.30 बजे महाराष्ट्र के जलगांव, जामोद होते हुए बोदरली गांव पहुंचेंगे। यहां बंजारा लोक नृत्य से स्वागत होगा। प्रस्तुति बंजारा लोक कलाकार रीना पवार देंगी। यहां अन्य संस्कृति से भी राहुल गांधी का स्वागत करने की योजना है, जिसमें भजन मंडलियां भी होंगी।

बुरहानपुर विधानसभा का पहला गांव है करोली, इससे सटा है बोदरली…
बुरहानपुर विधानसभा की पहली पंचायत है करोली और इससे सटा गांव बोदरली है। राहुल गांधी की एमपी में पहली पदयात्रा 23 नवंबर को सुबह 6 बजे यहीं से शुरू होगी। इसे लेकर स्वागत प्रभारी बनाए गए ठाकुर सुरेंद्र सिंह ने कहा, जिस व्यक्ति से मिलने के लिए सालों अपॉइंटमेंट लेते हैं, वे खुद चलकर आमजन के बीच जा रहे हैं। नफरत हटाकर प्यार करने का कह रहे हैं। लोकतंत्र को मजबूत करने की बात कह रहे हैं, लक्ष्य है लोगों को जोड़ना। राहुल गांधी युवाओं की आवाज बुलंद कर रहे हैं।

मोहब्बत के शहर में राहुल जी मोहब्बत लेकर पधार रहे हैं। बुरहानपुर दक्कन का दरवाजा कहा जाता है। इतिहास में लिखा है कि जो राजा ने देश में राज किया है, दक्कन के द्वार से आता था। राहुल गांधी भी दक्कन के दरवाजे से आकर 2024 में प्रधानमंत्री बनेंगे। यहां की रहने वाली रीना नरेंद्र पवार सिर पर 51 मटकियां रखकर तलवार की धार पर खड़े होकर परफॉर्म करेंगी। यात्रा 13 दिन में प्रदेश के छह जिले बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन और आगर-मालवा में घूमेगी। मध्यप्रदेश में यात्रा 399 किलोमीटर चलेगी।

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