तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के मानहानि मामले के आरोपी किशोर के. स्वामी को पांच दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। स्वामी को अपमानजनक ट्वीट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
स्वामी को एग्मोर की फौजदारी कोर्ट ने चेन्नई जिले की पुझाल जेल भेजने का आदेश दिया। चेन्नई सिटी पुलिस ने सीएम स्टालिन के खिलाफ एक ट्वीट करने के आरोप में सोशल मीडिया कमेंटेटर स्वामी को गिरफ्तार किया था।
भाजपा समर्थक हैं स्वामी
किशोर स्वामी सोशल मीडिया पर राजनीतिक टिप्पणियां करते रहे हैं। वे भाजपा समर्थक हैं। डीएमके और उसके समर्थक दलों की लगातार आलोचना करते रहे हैं। शिकायतकर्ता इमरान ने सेंट्रल क्राइम ब्रांच में की गई शिकायत में आरोप लगाया था कि स्वामी ने सीएम को बदनाम करने की कोशिश की। जांच के बाद क्राइम ब्रांच ने स्वामी के खिलाफ मानहानि, राष्ट्रद्रोह समेत चार धाराओं में केस दर्ज किया और उन्हें पूछताछ के लिए समन भेजा था। समन पर पेश होने की बजाए स्वामी ने चेन्नई की सत्र अदालत में याचिका दायर कर अग्रिम जमानत मांगी थी। कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद स्वामी को गिरफ्तार कर एग्मोर की कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें 5 दिसंबर तक जेल भेज दिया।
कोयम्बटूर कार धमाके लेकर स्टालिन सरकार की आलोचना की थी।
स्वामी ने कोयम्बटूर कार धमाके लेकर स्टालिन सरकार की आलोचना की थी। धमाके में कथित मानव बम जमीशा मुबीन नामक युवक की मौत हो गई थी। स्वामी ने चेन्नई सहित तमिलनाडु के कई शहरों में जलभराव और बाढ़ को लेकर भी सीएम स्टालिन की आलोचना की थी।
पिछले साल भी गिरफ्तार किया गया था
स्वामी को इससे पहले 14 जून, 2021 को द्रमुक नेताओं दिवंगत अन्नादुराई और करुणानिधि और मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन को बदनाम करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। स्वामी पर गुंडा एक्ट भी लगाया गया और छह महीने तक जेल में रखा गया था। हालांकि, मद्रास हाई कोर्ट ने दिसंबर 2021 में उनके खिलाफ गुंडा एक्ट को रद्द कर दिया और उन्हें जेल से रिहा करने का आदेश दिया था।