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मंगलूरू ब्लास्ट के संदिग्ध की हुई पहचान, आरोपी पर पहले से यूएपीए के तहत दर्ज है मामला

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कर्नाटक के मंगलूरू में शनिवार को एक चलते ऑटोरिक्शा में अचानक विस्फोट हो गया, जिससे आग लग गई और भारी धुआं होने लगा। हादसे में ऑटो चालक और एक यात्री जलने से घायल हो गए। पुलिस जांच में पता चला कि विस्फोट की यह घटना आकस्मिक नहीं थी, बल्कि गंभीर नुकसान पहुंचाने के इरादे से की गई आतंकवादी साजिश थी। घटना के एक दिन बाद पुलिस ने जांच में तेजी लाई और विस्फोट के संदिग्ध की पहचान कर ली। विस्फोट के संदिग्ध की पहचान मोहम्मद शरीक के रूप में की गई है।

हादसे में घायल यात्री की पहचान मोहम्मद शरीक के रूप में हुई है, जो विस्फोट मामले का मुख्य आरोपी है। मंगलूरू विस्फोट का मुख्य आरोपी मोहम्मद शरीक (24) शिवमोग्गा जिले के तीर्थहल्ली का रहने वाला है और अपने पिता के साथ रेडीमेड कपड़ों की दुकान चलाता था। पहली बार वह राज्य पुलिस की रडार पर तब आया जब उसे नवंबर 2020 में मंगलूरू शहर में आतंकवाद-समर्थक भित्तिचित्र बनाने के लिए गिरफ्तार किया गया। शारीक पर मंगलूरू में दीवारों पर आतंकवाद समर्थक भित्तिचित्र बनाने के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया था। वह इस मामले में जमानत पर बाहर था। इतना ही नहीं, वह एक आतंकी मामले में फरार भी था और पुलिस को उसकी तलाश थी।

इस साल सितंबर में पुलिस ने भद्रावती से दो लोगों माज और यासीन को गिरफ्तार किया था और उनके घर से विस्फोटक सामग्री बरामद की थी। पुलिस को संदेह था कि दोनों आरोपी मोहम्मद शरीक के लिए काम कर रहे थे और मामले में पूछताछ के लिए पुलिस शरीक को पकड़ने की कोशिश कर रही थी। सूत्रों के मुताबिक, शनिवार को शारीक मंगलूरू वापस आया और फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल किया और अपनी योजना को अंजाम देने की कोशिश की। शनिवार को हुए इस धमाके में ऑटो चालक समेत शारीक घायल हो गया था। वह 40 प्रतिशत तक जल गया था और वर्तमान में कांकनाडी के एक अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है।

शारीक के घर से विस्फोटक सामग्री बरामद
मंगलूरू विस्फोट मामले की जांच के बीच फारेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) डिवीजन की टीम रविवार को मैसूर में शारीक द्वारा किराए पर लिए गए घर पर पहुंची। टीम ने शारीक के आवास से विस्फोटक बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री बरामद की है। एफएसएल टीम ने विस्फोटक बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री जैसे जिलेटिन पाउडर, सर्किट बोर्ड, छोटे बोल्ट, बैटरी, मोबाइल, लकड़ी का बुरादा, एल्युमिनियम मल्टी मीटर, तार, मिक्सर जार, प्रेशर कुकर आदि बरामद किए हैं। जांचकर्ताओं ने एक मोबाइल फोन, दो फर्जी आधार कार्ड, एक फर्जी पैन कार्ड और फिनो (FINO) बैंक का एक डेबिट कार्ड भी बरामद किया है। आशंका जताई जा रही है कि आरोपी अपने घर में विस्फोटक तैयार कर रहा था।

इससे पहले जांच के क्रम में पुलिस ने जानकारी दी कि आरोपी ने एक महीने पहले ही मैसूर में एक कमरे वाला फ्लैट किराए पर लिया था। इतना ही नहीं, उसने मकान मालिक को बताया था कि वो यहां मोबाइल रिपेयरिंग का कोर्स करने आया है।

कोयम्बटूर कार विस्फोट मामले के आरोपियों से संबंध होने का संदेह
पुलिस को संदेह है कि आरोपी व्यक्ति के संबंध उन लोगों से हो सकते हैं जिन्होंने अक्तूबर में दीपावली से पहले कोयम्बटूर में एक कार में विस्फोट किया था। 23 अक्तूबर को कोयम्बटूर में एक मंदिर के बाहर चलती कार में सिलेंडर फटने से एक युवक की झुलसकर मौत हो गई थी। मामले की जांच एनआईए कर रही है।

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