‘काशी तमिल संगमम’ में भाग लेने के लिए शुक्रवार देर रात शहर में आये तमिलनाडु के मेधावी छात्रों और प्रतिनिधियोें का कैंट स्टेशन पर जोरदार वणक्कम (स्वागत) किया गया। खुद केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने युवाओं और अतिथियों की स्टेशन पर अगवानी की।
केन्द्रीय मंत्री के शालीन और सहज व्यवहार को देख युवा उनके साथ सेल्फी भी लेते रहे। संगमम में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे पहले जत्थे के ट्रेन से उतरते ही अतिथियों का वणक्कम (स्वागत) काशी की परंपरा के अनुसार ढोल नगाड़े, मंत्रोच्चार और फूल—माला के साथ हुआ।
स्वागत से अभिभूत सभी प्रतिनिधियों के चेहरे आधी रात में खुशी से खिले हुए नजर आ रहे थे। रामेश्वरम से चलकर बनारस पहुंची इस ट्रेन को 17 नवंबर को तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि और केन्द्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डा. एल मुरुगन द्वारा चेन्नाई एग्मोर स्टेशन पर बनारस के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था।
बनारस आये युवा प्रधानमंत्री से संवाद के लिए बेहद उत्साहित दिखे। बताते चलें उत्तर और दक्षिण की संस्कृति को एकाकार करने के लिए आयोजित काशी-तमिल संगमम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपरान्ह में बीएचयू के एंफीथिएटर मैदान पर करेंगे। इस दौरान वह डेढ़ घंटे तक पंडालों का अवलोकन करेंगे और तमिलनाडु से आए अधीनम, विद्यार्थियों और कलाकाराें से भी रूबरू होंगे। संगमम में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी अपरान्ह में बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। यहां से हेलीकॉप्टर से बीएचयू हेलीपैड तक जाएंगे। समारोह में प्रधानमंत्री काशी से तमिलनाडु के अटूट रिश्तों पर आयोजित प्रदर्शनी व मेले का भी शुभारंभ करेंगे।
—बीएचयू परिसर में मिनी तमिलनाडु का नजारा
काशी तमिल संगमम को लेकर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर स्थित एंफीथिएटर मैदान में मिनी तमिलनाडु का नजारा है। तमिलनाडु के मेहमानों को काशी और तमिल संस्कृति के अनुसार स्वागत करने की तैयारियां हैं। पंडाल में पहले चक्र में वीआईपी, दूसरे में प्रदेशों से आए मेहमान और तीसरे चक्र में काशीवासी व अन्य लोग बैठेंगे। पंडाल के किनारेे छोटे-छोटे स्टॉल भी लगाए गए हैं। इन स्टालों पर उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु के प्रमुख उत्पाद और खाद्य सामग्रियों की दुकानें लगाई जाएंगी। साथ ही उत्तर और दक्षिण भारत की संस्कृति, संगीत, साहित्य व अन्य विधाओं की भी झलक देखने को मिलेगी।
—तमिलनाडु के व्यंजनों के भी स्टॉल
आयोजन स्थल पर तमिलनाडु के व्यंजनों के स्टॉल के साथ ही पुस्तक प्रदर्शनी भी लगाई गई है। इसके अलावा हथकरघा व हस्तशिल्प के स्टॉल लगाए गए हैं। तमिलनाडु से आए शिल्पियों ने थीम बेस पर अपने उत्पाद सजाए हैं। इसके अलावा तमिलनाडु के 38 जिलों के ओडीओपी उत्पादों की प्रदर्शनी भी सजाई गई है।