उदयपुर रेलवे ब्रिज ब्लास्ट मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी का नाम धूलचंद मीणा बताया जा रहा है। पुलिस ने उसे ओढ़ा रेलवे ट्रैक के पास मौजूद एक गांव से पकड़ा है। राजस्थान पुलिस की शुरुआती पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी मीणा की जमीन रेलवे ट्रैक और पुल बनाने के लिए अधिग्रहित हुई थी। जिसका उसे मुआवजा नहीं मिला था। इसी बात को लेकर वह नाराज था। जिसके चलते उसने इस घटना को अंजाम दिया था।
उदयपुर से अहमदाबाद के बीच नई रेलवे लाइन बनी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर को इस लाइन का लोकार्पण किया था। बीते शनिवार को उदयपुर से 35 किलोमीटर दूर सलूम्बर मार्ग पर बने ओढ़ा रेलवे ब्रिज पर रात करीब 10 बजे धमाके की आवाज आई। इससे आसपास के लोगों में अफरा-तफरी मच गई। कुछ लोग रेलवे ब्रिज पर पहुंचे तो पटरी कई जगह से टूटी हुई मिली। रेलवे लाइन पर बारूद मिला। पुल के नट-बोल्ट भी गायब मिले। ट्रैक पर लोहे की चादर भी उखड़ी मिली। लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। इसके बाद रेलवे ने इस ट्रैक से गुजरने वाली सभी ट्रेनों को डायवर्ट कर दिया। आतंकी घटना की आशंका को देखते हुए रविवार सुबह एटीएस की टीम भी पहुंची और मामले की जांच शुरू की।
डूंगरपुर में नदी में मिले जिलेटिन की छड़ों से भरे बोरे
बीते बुधवार को उदयपुर से करीब 70 किमी दूर डूंगरपुर जिले के आसपुर में जिलेटिन से भरे 10 बोरे नदी के पास पड़े मिले थे। भबराना गांव में स्थित सोम नदी पर बने पुल के पास ग्रामीणों ने नदी में 10 बोरे पड़े देखे तो पुलिस को सूचना दी। पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और नदी से बोरों को बाहर निकाला गया। जब उन्हें खोलकर देखा गया तो उसमें से भारी मात्रा में जिलेटिन की छड़ें बरामद की गईं। जिलेटिन के बोरों पर राजस्थान का पता लिखा हुआ था, लेकिन भीग जाने के कारण कुछ स्पष्ट नहीं था। यह जिलेटिन की छड़ें इतनी पावरफुल थी कि करीब 200 वर्ग फीट से अधिक क्षेत्र को बर्बाद कर सकती हैं।