सबरीमाला में वार्षिक मंडलम मकरविलक्कू तीर्थयात्रा आज से शुरू हो रही है। कोविड-19 प्रतिबंधों के हटने के बाद करीब दो महीने लंबी वार्षिक तीर्थ यात्रा की शुरुआत की पूर्व संध्या पर बुधवार को सबरीमला में प्रसिद्ध भगवान अयप्पा मंदिर के द्वार खोल दिए गए।
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सबरीमाला में वार्षिक मंडलम मकरविलक्कू तीर्थयात्रा आज से शुरू हो रही है। कोविड-19 प्रतिबंधों के हटने के बाद करीब दो महीने लंबी वार्षिक तीर्थ यात्रा की शुरुआत की पूर्व संध्या पर बुधवार को सबरीमला में प्रसिद्ध भगवान अयप्पा मंदिर के द्वार खोल दिए गए।
सबरीमाला मंदिर सूत्र के मुताबिक, 17 नवंबर से शुरू हो रही वार्षिक मंडलम-मकरविलक्कू तीर्थयात्रा की पूर्व संध्या यानी बुधवार को लगभग 28,000 श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। सूत्र ने कहा कि 17 नवंबर को वर्चुअल कतार प्रणाली में पंजीकरण के अनुसार लगभग 49,000 तीर्थयात्रियों के मंदिर आने की उम्मीद है। पिछले साल, कोविड-19 महामारी की स्थिति को देखते हुए सरकार ने वर्चुअल कतार प्रणाली के माध्यम से प्रतिदिन मात्र 30,000 श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति देने का निर्णय लिया था।
मंदिर का गर्भगृह बुधवार को शाम पांच बजे मुख्य पुजारी (तंत्री) कंदरारू राजीवरू की उपस्थिति में निवर्तमान प्रधान पुजारी एन परमेश्वरन नंबूथीरी द्वारा खोला गया। इसके बाद से भगवान अयप्पा और मलिकप्पुरम मंदिरों के नव चयनित प्रधान पुजारी अगले एक साल की अवधि के लिए पूजा करने का काम संभालेंगे। 41 दिनों तक चलने वाला मंडला पूजा उत्सव का समापन 27 दिसंबर को होगा।
इस वर्ष बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को इस अवधि के दौरान सुरक्षित और सुगम तीर्थयात्रा सुनिश्चित कराने के लिए पुलिस, स्वास्थ्य और परिवहन विभाग के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन द्वारा व्यापक व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य विभाग ने एक विज्ञप्ति में कहा कि पठानमथिट्टा जनरल अस्पताल में सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस 18 बिस्तरों वाला 24 घंटे खुला रहने वाला सबरीमाला वार्ड स्थापित किया गया है। यहां जीवन रक्षक दवाएं, उपकरण और लैब टेस्ट मुफ्त उपलब्ध होंगे। विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि यह सुनिश्चित करने की व्यवस्था की गई है कि सीने में दर्द या कार्डियक अरेस्ट का अनुभव करने वाले किसी भी तीर्थयात्री को स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा पांच मिनट के भीतर चिकित्सा उपलब्ध कराया जाएगा और तुरंत अस्पताल पहुंचाया जाएगा।