मैनपुरी लोकसभा उप चुनाव में सपा व भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है। दोनों पार्टी के उम्मीदवारों की घोषणा हो गई है। ऐसे में जसवंतनगर विधायक शिवपाल सिंह यादव की चुप्पी सपा के लिए चुनौती बन सकती है। क्योंकि जसवंतनगर से मिलने वाली वोटों की बढ़त अन्य विस क्षेत्रों से बनी खाई को पाटने का काम करती है। सपा को भी इसका आभास है। यही वजह है कि उसने डैमेज कंट्रोल करते हुए स्टार प्रचारकों की सूची में शिवपाल का नाम शामिल कर लिया है। पर, यह कवायद कितनी कारगर होगी, यह तो वक्त बताएगा। सपा ने डिंपल यादव का नामांकन कराया तो भाजपा ने इटावा से दो बार सांसद रहे रघुराज सिंह शाक्य पर दांव लगाया है। शाक्य कभी शिवपाल सिंह के करीबी थे। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने शिवपाल का हाथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया।
मैनपुरी लोकसभा सीट पर संख्या बल में यादव के बाद शाक्य दूसरे नंबर पर माने जाते हैं। हालांकि भाजपा द्वारा शाक्य वोट बैंक पर दांव लगाने की रणनीति को सपा ने भांप लिया था। यही वजह है कि डिंपल के नाम की घोषणा से पहले पूर्व मंत्री आलोक शाक्य को जिलाध्यक्ष बनाकर शाक्य वोट बैंक को साधने का प्रयास किया है। पर शिवपाल की चुप्पी सपा के लिए चुनौती बन सकती है। सूत्रों का कहना है कि शिवपाल सिंह व प्रसपा के प्रदेश अध्यक्ष आदित्य यादव तीन दिन से सियासी हलचल से दूर हैं। वे इटावा में हैं। बेबाक बयान देने वाले शिवपाल मीडिया के सवालों का भी जवाब नहीं दे रहे हैं। वे वेट एंड वॉच की मुद्रा में हैं।