जिले के गेस्ट टीचर आज अपनी मांगों को लेकर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी से मिले और ज्ञापन सौंपा। शिक्षा अधिकारी से मिलने पहुंचे गेस्ट टीचर सर्वजीत सिंह, लादेश कुमार, गौरव, नंद किशोर, संदीप गर्ग सहित दर्जनों टीचरों ने कहा कि मुख्यमंत्री व निदेशक मौलिक शिक्षा के साथ मीटिंग में यह तय हुआ था कि गृह जिले से बाहर गेस्ट टीचर को उनके जिले में समायोजित किया जाएगा।
सामान्य स्थानांतरण से प्रभावित गेस्ट टीचर्स को भी उनके जिले में समायोजित किया जाएगा परंतु जिले की पसंद मांगने के बाद भी पसंदीदा जिला ना देते हुए अन्य जिलों की पसंद भरने के लिए मजबूर किया जा रहा है। सरकार बार-बार वायदाखिलाफी करके करके गेस्ट टीचर्स को आंदोलन करने के लिए मजबूर कर रही है।
सरकार ने गेस्ट टीचर्स की मांगे मानने के बाद भी आज 2 वर्ष बीत गए परन्तु लाभ का कोई पत्र जारी नहीं किया इस बात का भी गेस्ट टीचर्स ने विरोध दर्ज करवाया। उन्होंने कहा कि जो गेस्ट टीचर सामान्य स्थानांतरण से प्रभावित नहीं हुए, उनको भी गृह जिले से बाहर भेजने का काम सरकार कर रही है जोकि सरासर गलत है।
इस तानाशाही नीति का विरोध करते हुए सभी गेस्ट टीचर ने अपने गृह जिला देने की मांग उठाई तथा यह भी मांग रखी की टीजीटी गणित को टीजीटी साइंस के पद पर, टीजीटी हिंदी को टीजीटी संस्कृत पद पर तथा टीजीटी सामाजिक विज्ञान को टीजीटी इंग्लिश पर समायोजित किया जाए तथा सभी विषयों के कैप्ट पदों को खोल कर उन पदों पर समायोजित किया जाए ताकि सभी गेस्ट टीचर्स को उनके चयनित गृह जिले में ही समायोजित किया जा सके।
