तेलंगाना के पेद्दापल्ली जिले के रामागुंडम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे के विरोध पर केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने सवाल किया कि क्या तेलंगाना भारत का हिस्सा नहीं है? क्या यहां निजाम का निरंकुश शासन है या स्पेशल स्टेटस है, जिसके कारण प्रधानमंत्री को राज्य में आने से रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी शनिवार शाम करीब साढ़े 4 बजे रामागुंडम में कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। उनके दौरे के विरोध में रामागुंडम के विभिन्न क्षेत्रों में नो एंट्री मोदी के बैनर लगाए गए हैं। वामदलों और कुछ छात्र संगठनों ने प्रधानमंत्री के दौरे के विरोध में रामागुंडम बंद का आह्वान किया है। पुलिस ने एहतियात के तौर पर आज सुबह वामदलों के कुछ नेताओं को हिरासत में ले लिया है।
प्रदेश भाजपा की ओर से जारी एक बयान में केंद्रीय राज्यमंत्री किशन रेड्डी ने आरोप लगाया कि विरोध की ये सारी गतिविधियां मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय प्रगति भवन से चलाई जा रही हैं। किशन रेड्डी ने कहा कि बैनर की डिजाइन, ड्राफ्टिंग तथा विरोध का छद्म षड्यंत्र वहीं से रचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कुछ छात्र बैनर को हटाने गये तो पुलिस ने उनकी पिटाई की, क्या यह सही है? केसीआर सरकार का ऐसा व्यवहार देश एवं तेलंगाना के लिए खतरनाक है। रेड्डी ने कहा कि यदि कोई समस्या हो तो उसके समाधान के लिए मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा कर सकते हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय ने सूचित किया है कि उनके एक मंत्री प्रधानमंत्री के स्वागत में एयरपोर्ट पर रहेंगे।
केंद्रीय राज्यमंत्री रेड्डी ने कहा कि प्रोटोकॉल के मामले में तेलंगाना का रवैया इतना खराब है कि राज्यपाल जैसे संवैधानिक ओहदे पर बैठी महिला का भी लिहाज न करते हुए कदम-कदम पर उन्हें अपमानित किया जा रहा है। राज्यपाल किसी कार्यक्रम में जाएं तो कलेक्टर उपस्थित नहीं होते। मंदिर जाएं तो कार्यकारी अधिकारी और विश्वविद्यालय जाने पर वाइस चांसलर उपस्थित नहीं होते। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। संवैधानिक पद की मर्यादा का भी सम्मान नहीं किया जा रहा है।