अभिनेत्री डिंपल कपाड़िया अपने जमाने की दिग्गज अदाकारा रह चुकी हैं और शायद ही कोई हो जो उन्हें न जानता हो, लेकिन बहुत कम लोग ऐसे होंगे जिनको उनकी छोटी बहन सिंपल कपाड़िया के बारे में पता हो या यूं कहें, ये पता हो कि वह भी एक अभिनेत्री थीं। जी हां डिंपल कपाड़िया की बहन सिंपल कपाड़िया भी हिंदी सिनेमा जगत में अभिनेत्री के रूप में कई फिल्मों में काम करती नजर आईं थीं, हालांकि उनकी बहन डिंपल की तरह उनका करियर सफल नहीं हो पाया, जिसकी वजह से उन्होंने फिल्मी पर्द से दूरी बना ली, लेकिन वह इंडस्ट्री से अलग नहीं हुईं। केवल कैमरे के सामने रहने की बजाए कैमरे के पीछे रहकर काम करना पसंद किया और एक कॉस्ट्यूम डिजाइनर बन गईं। उन्होंने खुद को बतौर कॉस्ट्यूम डिजाइनर स्थापित किया लेकिन अपने करियर की पीक पर इस अभिनेत्री ने 10 नवंबर साल 2009 में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। जानते हैं सिंपल कपाड़िया के बारे में कुछ खास बातें।
राजेश खन्ना के साथ किया था फिल्मों में डेब्यू
15 अगस्त 1958 को मुंबई में जन्मीं सिंपल कपाड़िया महज 18 वर्ष की उम्र में फिल्मों में डेब्यू कर लिया था। साल 1977 में आई फिल्म ‘अनुरोध’ से सिंपल कपाड़िया ने अपने जीजा यानी डिंपस कपाड़िया के हसबैंड दिग्गज अभिनेता रहे राजेश खन्ना के साथ पहली फिल्म की थी। इसके बाद वह ‘शाका’ और ‘चक्रव्यूह’ जैसी फिल्मों में मुख्य भूमिका में दिखाई दीं जबकि ‘लूटमार’, ‘जमाने को दिखाना है’, ‘जीवन धारा’, ‘दूल्हा बिकता है’ जैसी फिल्मों में सिंपल कपाड़िया ने सपोर्टिंग एक्ट्रेस के रूप में काम किया।
एक्टिंग छोड़ सिंपल एक बेहतरीन कॉस्ट्यूम डिजाइनर बन गईं। सिंपल कपाड़िया ने वर्ष 1987 में सबसे पहले डिंपल कपाड़िया की फिल्म ‘इंसाफ’ के लिए कॉस्टयूम बनाए। इसके बाद उन्होंने ‘रुदाली’, ‘रोक सको तो रोक लो’, ‘शहीद’ जैसी कई फिल्मों के लिए कॉस्टयूम डिजाइन किए। अपने काम के लिए ‘रुदाली’ के लिए सिंपल को नेशनल अवॉर्ड भी मिला। फिल्मों के अलावा सिंपल कपाड़िया ने कई दिग्गज अभिनेत्रियों के डिजाइन बनाए हैं और इस क्षेत्र में खूब नाम किया।
सिंपल कपाड़िया अभिनय में भले ही अपनी पहचान न बना पाई हों लेकिन कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग के क्षेत्र में वह एक बड़ा नाम बनकर उभरी थीं, लेकिन कहते हैं न कि खराब किस्मत कभी भी इंसान को झटका दे सकती है। ऐसा ही कुछ हुआ डिंपल कपाड़िया के साथ। दरअसल अपने करियर की पीक पर उन्हें अचानक पता चला कि वह कैंसर से पीड़ित हैं और 10 नवंबर 2009 में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।