उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम में अब अनुबंधन पर 75 प्रतिशत बसें चलेंगी। इस संबंध में परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव एल वेकटेश्वर लू ने निगम के प्रबंध निदेशक को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि 75 फीसदी बसें अनुबंधित और 25 फीसदी बसें निगम की यथाशीघ्र संचालित कराई जाएं।
वर्तमान में रोडवेज में 75 प्रतिशत बसें उसकी खुद की है। 25 प्रतिशत बसें अनुबंध पर चलाई जा रही हैं। शासन ने अब इस नियम को पलटने का निर्णय किया है। इसके अलावा विभाग प्रमुख सचिव ने पत्र जारी कर बसों में साफ-सफाई रखने, चालक-परिचालक को यूनिफार्म में ड्यूटी करने व मधुर व्यवहार रखने, बस स्टेशनों में तमाम जरूरी सुविधाएं देने और निष्प्रयोज्य बसों को बेड़े से हटाने के लिए कहा है।
पत्र में ग्रामीण व दुर्गम क्षेत्रों के लिए उपयुक्त यात्रा सुविधा प्रदान करने को भी कहा गया है। गौरतलब है कि रोडवेज के बेड़े में कुल 11485 बसें हैं। इसके जरिए रोजाना 123.35 करोड़ यात्री 43.29 करोड़ किलोमीटर सफर करते हैं। इससे रोडवेज को सालाना 4473 करोड़ रुपये से अधिक की आय होती है।
कर्मचारी परिषद ने कहा, इससे रोजी-रोटी पर खड़ा होगा संकट
रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री गिरीश चंद्र मिश्र का कहना है कि 75 फीसदी बसें अनुबंध पर चलाए जाने से रोडवेज के 55 हजार कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा। इतने बड़े निर्णय से पहले कर्मचारियों के पक्ष को भी सुना जाना चाहिए था और विषय विशेषज्ञों से अध्ययन भी कराना चाहिए था। उन्होंने कहा कि यह रोडवेज के निजीकरण की तैयारी है।