प्रदेश में 15 आयुष कॉलेजों की मान्यता खतरे में हैं। केंद्रीय आयुर्वेदिक चिकित्सा परिषद की केंद्रीय टीम के निरीक्षण में इन कॉलेजों में खामियां मिली हैं। हालांकि इन कॉलेजों को खामियां दूर करने का अंतिम मौका दिया गया है।
उधर निजी क्षेत्र के कुल 80 आयुष कॉलेजों में आधे से अधिक में अभी तक निरीक्षण नहीं हो पाया है। ऐसे में इन कॉलेजों में दाखिले के लिए काउंसिलिंग इस महीने शुरू होने पर संशय है क्योंकि निरीक्षण के बाद जहां कमियां पाई जाएंगी, वहां सुधार का मौका मिलेगा। इसके बाद जहां सुधार नहीं हो पाएगा, वहां की मान्यता समाप्त कर दी जाएगी जबकि प्रदेश में नीट यूजी के तहत एमबीबीएस और बीडीएस के बाद आयुष कॉलेजों में दाखिले के लिए काउंसिलिंग चल रही है। इसके तहत बीएएमएस (आयुर्वेद), बीएचएमएस (होम्योपैथिक) और बीयूएमएस (यूनानी) कोर्स में दाखिले होते हैं।
सूत्रों का कहना है कि सरकारी क्षेत्र के 12 आयुर्वेदिक कॉलेजों का निरीक्षण हुआ। इनमें बांदा, मुजफ्फरनगर और हड़ियां (प्रयागराज) स्थित कॉलेजों में खामियां पाई गई हैं। इनकी मान्यता पर खतरा हैं। इन्हें सुधारने का अंतिम मौका दिया गया है। इसी तरह निजी क्षेत्र के 58 कॉलेजों में करीब 20 का निरीक्षण हुआ है, जिसमें 10 में खामियां मिली हैं। होम्योपैथिक के नौ सरकारी कॉलेजों में अलीगढ़ और गोरखपुर में खामियां पाई गई हैं।
यह है सीटों का विवरण
प्रदेश में नीट यूजी 2022 के लिए 1.17 लाख विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। एमबीबीएस के लिए सरकारी क्षेत्र के 35 कॉलेजों में 4,303 और निजी क्षेत्र के 32 कॉलेजों में 4,750 सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा। बीडीएस की तीन सरकारी कॉलेज में 300 और निजी क्षेत्र के 24 कॉलेजों में 2,600 सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा।
इसी तरह बीएएमएस (आयुर्वेद) में सरकारी क्षेत्र के 12 कॉलेजों में 502 व निजी क्षेत्र के 58 कॉलेजों में 5010 सीटों, बीएचएमएस (होम्योपैथिक) की सरकारी क्षेत्र के नौ कॉलेजों में 828 व निजी क्षेत्र के चार कॉलेजों में 200 सीटों और बीयूएमएस (यूनानी) की सरकारी क्षेत्र के दो कॉलेजों की 128 और निजी क्षेत्र के 18 कॉलेजों के 670 सीटों पर प्रवेश देना प्रस्तावित है। केंद्रीय टीम के निरीक्षण में जहां खामियां मिलेंगी, वहां सीटों की संख्या कम हो सकती है।