बीते चार वर्षों में नवंबर माह में दिन और रात के तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसके पीछे बड़ा कारण जलवायु परिवर्तन बताया जा रहा है। सामान्यत: दिन और रात के तापमान के बीच का अंतर 10 से 12 डिग्री सेल्सियस माना गया है,लेकिन अब यह अंतर बढ़कर 17 से 19 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। इस परिवर्तन का असर सीधे तौर पर आम लोगों के साथ ही पशु-पक्षियों पर भी पड़ने लगा है। वायरस जनित बीमारियां लगातार पांव पसार रही हैं। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इसके पीछे जलवायु में परिवर्तन सबसे बड़ा कारण है।
मौसम विज्ञानी प्रो.एचएन मिश्रा के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के कारण ही दिन मेें गर्मी और रात में ठंडक होने से वायुमंडल का संतुलन बिगड़ रहा है। इसकी वजह से बड़ी मात्रा में पक्षी और कीट-पतंगे मर रहे हैं। मौसम में हो रहे इस प्रकार के बदलाव का असर फसल चक्र पर भी पड़ रहा है। चिकित्सकों का मानना है कि इस प्रकार के मौसम में वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता है। वायरल बुखार के बढ़ते मामलों के पीछे यह भी एक बड़ा कारण है। दूसरा कारण इस बार बरसात का देरी से शुरू होना भी है। इसके कारण भी मौसम में बदलाव दिख रहा है।
बीते पांच वर्षों में नवंबर माह में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में अंतर
2018 21.0
2019 18.8
2020 15.6
2021 15.4
2022 17.4
(सामान्य तौर पर अंतर 10 से 12 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए।)
पूरे भूमंडल पर तापांतर में जो बढ़ोतरी हुई है। उसके पीछे जलवायु परिवर्तन मूल कारण है। हालांकि आने वाले दिनों में यह अंतर कम होगा। – प्रो.एचएन मिश्रा, मौसम विज्ञानी