जोधपुर जिले की बिलाड़ा पंचायत समिति अन्तर्गत 17 ग्राम पंचायतों में राज्य सरकार के बाल अधिकारिता विभाग, यूनिसेफ एवं पीसीसीआरसीएस के संयुक्त तत्वावधान में संचालित बाल संरक्षण संकल्प यात्रा का सफर लाम्बा ग्राम पंचायत मुख्यालय पहुंचा, जहां ग्राम पंचायत सदस्यों द्वारा भावभीना स्वागत किया गया।
बच्चों की हिंसा से जुड़े विभिन्न मुदद्दों बाल श्रम, बाल विवाह, बाल तस्करी आदि के दुष्परिणामों पर सरपंच की अध्यक्षता में आयोजित संगोष्ठी में गम्भीरता से मंथन किया गया। इसमें सात संकल्पों बाल विवाह-बालश्रम को रोकेंगे एवं टोकेंगे, बच्चों की अनदेखी और समानता के अधिकार पर जोर देने एवं विद्यालयों में शत-प्रतिशत नामांकन की निगरानी के लिए व्यापक विचार-मंथन करते हुए ठोस कार्यवाही का संकल्प लिया गया।
इन गतिविधियों को बेहतर स्वरूप प्रदान करने के लिए राज्य सरकार के निर्देशानुसार ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण कमेटी का पुनर्गठन किया गया। इसमें बच्चों का पक्ष रखने के लिए दो बाल प्रतिनिधि शामिल किए गए।
अभियान के संयोजक विपिन तिवारी ने बताया कि बाल हितैषी पंचायत के लिए निर्धारित मापदण्ड पूर्ण करने वाली ग्राम पंचायतों को भारत सरकार द्वारा बाल हितैषी पुरस्कार दिया जाता है। इसके लिए सात संकल्पों पर कार्य करने की इच्छाशक्ति दिखानी होगी। पुनर्गठित कमेटी की नियमित रूप से बैठक आयोजित कर बच्चों की समस्याओं पर ग्राम विकास कार्यक्रम अन्तर्गत निगरानी रखने पर जोर देना होगा। संरपंच घेवरराम विश्नोई ने पंचायत की ओर से बाल हितैषी पंचायत बनाने के लिए पूरे मनोयोग के साथ कार्य करने के लिए पंचायत के अन्य सदस्यों को शपथ दिलाई।
बाल संरक्षण संकल्प यात्रा के ग्राम भ्रमण कार्यक्रम में ग्रामीणों ने बाल मित्रों से अपनी विभिन्न समस्याओं को साझा किया और जीवन विकास के लिए संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों से रूबरू होते हुए इनका लाभ पाने की प्रक्रिया और कार्रवाई की जानकारी पायी।
