ब्राजील में राष्ट्रपति चुनाव के लिए दूसरे चरण के लिए मतदान जारी है। इसके साथ ही देश को नया राष्ट्रपति मिल जाएगा। वर्कर्स पार्टी के लूला डा सिल्वा और सोशल लिबरल पार्टी और ब्राजील के वर्तमान राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के बीच कड़ी टक्कर है।
पिछले महीने हुए वोटिंग के पहले राउंड में डि सिल्वा को 48.4 फीसदी जबकि बोल्सोनारो को 43.23 फीसदी वोट मिले थे। ब्राजील के संविधान के मुताबिक, चुनाव जीतने के लिए किसी भी उम्मीदवार को कम से कम 50 फीसदी वोट हासिल करने होते हैं। 67 साल के बोल्सोनारो ने दावा किया कि कंजर्वेटिव सोशल लिबरल पार्टी हर हाल में चुनाव जीतेगी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बोल्सोनारो की हार का अंदेशा जताया जा रहा है। बोल्सोनारो साफ कह चुके हैं कि अगर वो चुनाव हारे तो वो अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का रास्ता अपनाएंगे और नतीजों को कबूल नहीं करेंगे। इसके चलते हिंसा होने का खतरा बढ़ गया है। 22 करोड़ की आबादी वाला ब्राजील छावनी में तब्दील हो गया है।
दरअसल, ब्राजील में चुनाव के दौरान बड़े राजनीतिक दल हिंसा फैलाने और वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए इन गैंग को भाड़े पर रखते हैं। इस चुनाव के प्रचार के दौरान ही राजनीतिक हिंसा की 250 से ज्यादा वारदात हुईं। इनमें 2000 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारियां भी हुईं।