अलग-अलग किसान परिवारों के दो बेटों ने पैरों से दिव्यांग होकर भी हार नहीं मानी। लगन के साथ मेहनत करते रहे और अपने पैरों पर खड़े होकर दिखाया। एटा के पीतम सिंह एवं प्रतापगढ़ के श्याम शंकर ने हॉस्टल में साथ रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की और पीसीएस-2021 में दोनों सब रजिस्ट्रार के पद पर चयनित हुए।
वर्ष 2011 में मूलत: कम्मापुर, एटा के पीतम सिंह ने जीआईसी और हथतारा, प्रतापगढ़ के श्याम शंकर ने पंडित जवाहर लाल नेहरू इंटर कॉलेज, जगेशरगंज से इंटर किया। फिर दोनों ने वर्ष 2014 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक, 2016 में परास्नातक और 2019 में एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। दोनों ही यहां स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के निकट राजकीय दृष्टिबाधित छात्रावास में रहते हैं।
पीतम के पैरों में 40 फीसदी दिव्यांगता है। उनके पिता राजेंद्र सिंह किसान और मां किशन देवी गृहणी हैं। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। तीन भाइयों और दो बहनों में दूसरे नंबर के 27 वर्षीय पीतम ने अपनी कोचिंग के लिए घर-घर ट्यूशन पढ़ाकर पैसों का इंतजाम किया। मित्र मार्केटिंग इंस्पेक्टर उमेश कुमार से भी आर्थिक सहयोग मिला और पिता ने भी वह सबकुछ किया, जो कर सकते थे।
पीतम सिंह एवं श्याम शंकर दोनों ने ही पीसीएस-2021 की परीक्षा हिंदी माध्यम से दी और सफलता हासिल की। पीसीएस मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक विषय के तौर पर पीतम ने इतिहास जबकि श्याम शंकर ने राजनीति विज्ञान लिया। श्याम को तीसरे प्रयास में सफलता मिल गई। वहीं, पीतम इससे पहले 2018 में पीसीएस का इंटरव्यू दे चुके हैं। वह दूसरी बार इंटरव्यू तक पहुंचे और सफलता हासिल की।