पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के मामले में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दावा किया है कि बीएड कॉलेजों के जरिए ऑनलाइन के बजाय ऑफलाइन पंजीकरण के नाम पर सैकड़ों छात्रों से करोड़ों रुपये की वसूली हुई है। इस मामले में गिरफ्तार प्राथमिक शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य को छात्रों से वसूली गई राशि पहुंचाई जाती थी। बताया गया है 600 बीएड सह डीएलईडी कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों से प्रति छात्र पांच हजार रुपये की राशि ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के नाम पर वसूली गई जो माणिक भट्टाचार्य के पास पहुंचा दी जाती थी। यह जानकारी माणिक भट्टाचार्य के बेहद खास तापस मंडल ने ईडी को पूछताछ में दी है। उन्हें एक बार फिर पूछताछ के लिए तलब किया गया है। आगामी दो नवंबर को उन्हें फिर से सीजीओ कंपलेक्स स्थित दफ्तर में बुलाया गया है। तीसरी बार उनसे पूछताछ होगी।
ईडी सूत्रों ने बताया है कि वर्ष 2018 से 2020, 2019-21 और 2020 से 2022 शिक्षा वर्ष के दौरान डीएलईडी कॉलेजों में बड़े पैमाने पर ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के नाम पर धनराशि वसूली गई है। 600 कॉलेजों के कितने छात्रों से पैसे लिए गए हैं, इस बारे में दस्तावेज लेकर आने को कहा गया है। इसके पहले भी ईडी अधिकारियों ने तापस से दो बार पूछताछ की है। उत्तर 24 परगना के बारासात में स्थित उनके घर को ईडी अधिकारियों ने सील भी कर दिया था। वहां टीचर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट चलता था जिसके बैनर तले दो बीएड कॉलेज चलाए जाते थे। ईडी सूत्रों ने बताया है कि राज्य में करीब 600 ऐसे कॉलेजों की सूची बनाई गई हैं जिनमें एडमिशन लेने वाले अधिकतर छात्रों को गैरकानूनी तरीके से शिक्षक की नौकरी दी गई है। ईडी ने इस संबंध में जो चार्ज शीट विशेष सीबीआई कोर्ट में दाखिल की है उसमें भी इस बात का जिक्र किया है।
दरअसल गत 11 अक्टूबर को माणिक भट्टाचार्य को गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद से जांच में लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। यह भी पता चला है कि उनकी पत्नी का अकाउंट मरे हुए व्यक्ति के साथ है। उसमें तीन करोड़ रुपये जमा रखे गए हैं। इसके अलावा माणिक भट्टाचार्य के बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर भी कई फर्जी संस्थाएं खोली गई हैं जिनके अकाउंट में 10 करोड़ रुपये हैं। इन अकाउंट्स में हुए लेनदेन के बारे में जांच पड़ताल जारी है।