कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि केन्द्र सरकार कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा दे पाने मेंविफल साबित हुई है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने गुरुवार को कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि बीते आठ वर्षों में जम्मू-कश्मीर से कश्मीरी पंडितों का पलायन बढ़ा है। वहां लोग अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर हैं। खेड़ा ने कहा कि शोपियां जैसा इलाका जहां कश्मीरी पंडित 32 साल तक डटे रहे। जब हम दिवाली हर्षोल्लास के साथ मना रहे थे, उसी रात शोपियां से 15 कश्मीरी पंडित परिवार अपने पुश्तैनी घर छोड़ने को मजबूर हो रहे थे।
खेड़ा ने कहा कि इस वर्ष जनवरी से अक्टूबर के बीच 30 कश्मीरी पंडितों की वहां पर हत्या हुई है और बड़ी संख्या में लोग वहां से पलायन करने को मजबूर हुए हैं। ऐसे हालात में भी भाजपा कहती है कि वहां हालात सामान्य है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में जम्मू के बाहर जगती टाउनशिप में कश्मीरी पंडितों को बसाने के लिए कलस्टर बनाए गए थे, तब 4500 कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को वहां बसाया गया था। वहां स्थिति सामान्य हो गई थी। लेकिन अब कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को धमकाया जा रहा है। अपने घर में ही वह सुरक्षित नहीं है।
खेड़ा ने कहा कि जब 1989 में कश्मीरी पंडितों का पहला विस्थापन हुआ था, उस समय भाजपा का समर्थन लेकर वी.पी. सिंह सरकार थी, उनका सक्रिय समर्थन भाजपा के सर्वेसर्वा रहे लाल कृष्ण आडवाणी ने किया था। इस मुद्दे पर भाजपा ने सरकार से समर्थन भी वापस नहीं लिया था। खेड़ा ने कहा कि वह मोदी सरकार से मांग करते हैं कि कश्मीरी पंडितों की स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करें, इस श्वेत पत्र में जो भाजपा ने किया है और जो नहीं किया है वह सब देश को बताएं।