हिमाचल-गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए गरम होते माहौल के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार फिर बदरी-केदार की धरती से कई संदेश एक साथ दिए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने हिंदुओं के पवित्र धामों के विकास और नई योजनाओं को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी। सीमांत गांव माणा में प्रधानमंत्री का पहुंचना पड़ोसी देश चीन को भी संदेश दिया है।
शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छठी बार केदारनाथ पहुंचे और दर्शन पूजन किया हैं। वे चुनाव के मौके पर जब-जब केदारनाथ पहुंचे, तब-तब उनकी जीत की मनोकामना पूरी हुई है। केदारनाथ में उनके परिधान में हिमाचली लुक ने कई सारी बातों को खुद-ब-खुद बयान कर दिया है। गुजरात का चुनाव प्रधानमंत्री के लिए इस बार खास है। हिंदुत्व के संरक्षण पर एकदम साफ सधी लाइन पर भाजपा काम करती है और उसे मतदाताओं का समर्थन भी मिलता रहा है। ऐसे में भले ही बदरी-केदार की भूमि पर एक श्रद्धालु की तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पूजा अर्चना के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं।
बदरी-केदार में कई विकास योजनाओं की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुरूआत कर दी है। आपदा से तहस-नहस हुए केदारनाथ धाम के बदले कायाकल्प को पूरे देश ने देखा है। विकास योजनाओं की शुरूआत और समीक्षा करके मोदी ने यही संदेश देना चाहा है कि विकास का पहिया वह यूं ही घूमते रहेंगे। अपने केदारनाथ प्रवास के दौरान मोदी ने अपने चिर-परिचित अंदाज में वहां मजदूरों के साथ संवाद किया। सीमांत गांव माणा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कार्यक्रम ऐसे समय में हुआ है, जबकि चीन के साथ रिश्तों में ऊपरी तौर पर भले ही सब कुुछ सामान्य दिख रहा हो, लेकिन अंदरखाने तल्लखी है। प्रधानमंत्री ने माणा गांव के दौरे से यह संदेश साफ है कि सीमाओं की चिंता वह दिल्ली में बैठकर ही नहीं कर रहे, बल्कि वहां उन लोगों के बीच पहुंचकर भी कर रहे हैं, जो देश की सुरक्षा में अपने तरीके से योगदान कर रहे हैं।