उत्तर प्रदेश में बिना पंजीकरण के विदेशी नस्ल के कुत्तों के प्रजनन व बिक्री पर रोक लगा दी गई है। बिना टीकाकरण के उनका पंजीकरण भी नहीं किया जाएगा। पालतू कुत्तों के हमले की घटनाओं को देखते हुए नगर विकास विभाग ने कुत्तों को पालने को लेकर आदर्श कार्यवाही प्रक्रिया (एसओपी) का मॉडल ड्राफ्ट जारी कर दिया है। इसे तत्काल लागू कर दिया गया है।
अगर आपके घर में विदेशी नस्ल के कुत्ते हैं तो उनका नगर निगमों में पंजीकरण करवाने से पहले टीकाकरण का प्रमाणपत्र देना होगा। अगर इसका प्रमाणपत्र नहीं है तो कुत्तों को पालने का लाइसेंस नहीं दिया जाएगा। इनका प्रजनन व बिक्री सिर्फ लाइसेंसधारी दुकानों से हो सकेगी।
देसी कुत्तों को पालने के लिए करेंगे प्रोत्साहित
प्रदेश के विभिन्न शहरों में पालतू कुत्तों के हमले की घटनाओं को देखते हुए नगर विकास विभाग ने आदर्श कार्यवाही प्रक्रिया (एसओपी) के लिए मॉडल ड्राफ्ट जारी कर दिया है। इसमें देसी कुत्तों के पालन को शहरी निकायों द्वारा प्रोत्साहित करने के भी निर्देश दिए गए हैं। शहरी निकायों से कहा गया है कि कुत्तों की मनुष्यों के सापेक्ष अगर जनसंख्या देखी जाए तो प्रति 100 व्यक्तियों पर 3 कुत्ते हैं।
अगर कोई व्यक्ति अधिक संख्या में देसी कुत्तों को सड़क या पशु आश्रय स्थलों से गोद लेता है तो उसे कुत्तों का पंजीकरण करवाने में छूट दी जाए और पहला टीकाकरण मुफ्त किया जाए। इसके अलावा स्ट्रीट डॉग्स के नियंत्रण के लिए गलियों को साफ रखने के भी निर्देश हैं। शासन ने कहा है कि जहां गंदगी या भोजन पड़ा रहता है वहां पर कुत्तों की अधिक संख्या देखी गई है। इस संबंध में सभी नगर निकायों को शासन की ओर से सभी भेजे गए एसओपी को तत्काल लागू करने को कहा गया है।
लखनऊ नगर निगम द्वारा संचालित एनिमल बर्थ कंट्रोल कैंपस (एबीसीसी) में एक प्रशिक्षण केंद्र चलाया जाएगा, जहां ऐसे निकायों में काम करने के लिए संस्थाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा, जहां एबीसीसी नहीं हैं। लखनऊ के अलावा गाजियाबाद व अयोध्या में एबीसीसी अभी बन रहा है इसके अलावा बाकी के 14 नगर निगमों को आदेश दिए गए हैं कि वे दो साल में अनिवार्य तौर पर एबीसीसी बनाएं और उसे क्रियाशील करें। नगर निगमों वाले जिलों के अलावा के 58 जिलों में अगले पांच साल में एबीसीसी चरणबद्ध तरीके से स्थापित किए जाएंगे।
रैबीज की शिकायत पर तत्काल उठाएं कदम
शासन ने शहरी निकायों को कहा है कि अगर कहीं से भी किसी कुत्ते के रैबीज संक्त्रस्मित होने की शिकायत आती है तो उसपर फौरन कार्रवाई होनी चाहिए। शहरी निकायों की टीम तत्काल कुत्तों को आइसोलेट करेगी और परीक्षण में रैबीज पुष्ट होने के बाद उसे तबतक आइसोलेट रखा जाएगा जबतक उसकी प्राकृतिक मौत नहीं हो जाती। शासन ने सभी निकायों को एनिमल बर्थ कंट्रोल ;डॉग्सद्ध रूल्सए 2001 के मुताबिक समितियां गठित करने के निर्देश दिए हैं। कहा है कि इनकी नियमित बैठक हो और वे इस मसले पर गंभीरता से विचार करके उचित कार्रवाई करें।