जीवनदायिनी कही जाने वाली गंगा नदी ने एक बार फिर आक्रमक रूख पकड़ कर लिया है। पिछले चार दिनों से गंगा के जलस्तर में काफी तेजी से हो रही बढ़ोतरी के कारण करीब 50 हजार से अधिक की आबादी जहां बाढ़ से प्रभावित होने लगी है, वहीं हजारों एकड़ खेत डूब गए हैं।
बेगूसराय जिले के बछवाड़ा, तेघड़ा, बरौनी, मटिहानी, शाम्हो, बलिया एवं साहेबपुर कमाल प्रखंड के अलावा नगर निगम क्षेत्र में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। निचले हिस्से की ग्रामीण सड़कों पर पानी आ जाने से आवागमन प्रभावित होने लगा है। इस सीजन में लगातार चौथी बार गंगा के जलस्तर में वृद्धि शुरू होने से लोगों में हड़कंप मच गया है।
जलस्तर में वृद्धि के कारण सबसे अधिक परेशानी राजकीय कल्पवास मेला सिमरिया में हो गई है। आधे दर्जन से अधिक खालसा एवं सैकड़ों पर्णकुटी में गंगा का पानी प्रवेश कर जाने से हजारों कल्पवासी प्रभावित हो गए हैं तथा इन लोगों को एक बार फिर ऊंचे स्थानों पर पर्णकुटी बनाना पड़ रहा है।
जलस्तर में वृद्धि से कल्पवासियों के साथ-साथ कार्तिक के महीने में गंगा स्नान करने के लिए दूरदराज से आने वाले लोगों को भी काफी जलालत झेलनी पड़ रही है।
सिमरिया गंगा घाट के दर्जनों दुकानों में भी पानी प्रवेश कर गया है। कल्पवास मेला क्षेत्र एवं घाट के आसपास के बाजार में पानी प्रवेश करने से मेला के रौनक पर काफी प्रभाव पड़ा है, वहीं वाच टावर भी जलमग्न हो गया है। हालांकि लोगों को सुरक्षित स्नान कराने के लिए डीडीआरएफ के गोताखोरों की टीम लगातार अलर्ट मोड में है। गंगा के जलस्तर में वृद्धि पर जिला प्रशासन लगातार नजर रख रही है।
कल्पवासियों को सुरक्षित और ऊंचे स्थानों पर शिफ्ट करने के साथ-साथ विभिन्न गतिविधि को लेकर डीएम के निर्देश पर सोमवार को डीडीसी सुशांत कुमार सहित अन्य अधिकारी ने सिमरिया गंगा किनारे पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया तथा मेला क्षेत्र का भ्रमण कर कल्पवासियों को सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराने और सुरक्षित रखने का आश्वासन दिया है।