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सामंजस्य स्थापित करने से होती है लक्ष्य की प्राप्तिः प्रो. सुनील

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सम्बोधित करते हुए

गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय में चल रहे दस दिवसीय प्रोफेसनल डेलवपमेंट एण्ड एडमिनिस्ट्रेटीव ट्रेनिंग प्रोग्राम में प्रतिभागियों से विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने कहा कि हमें अपने कार्य को करते समय किसी भी परिस्थिति में अपने व्यवहार व आचरण में संतुलन बनाए रखने की विशेष आवश्यकता होती है।

प्रो. सुनील ने कहा कि अपने व्यवहार के चलते ही हम प्रतिकुल परिस्थितियों में भी समस्या का समाधान निकालने में सफल होते हैं। वहीं अपने मधुर व्यवहार के चलते सामने वाले अधिकारी, छात्र व अपने सहकर्मी के साथ बेहतर सामंजस्य स्थापित करने में सफल होते हैं, जो हमारी उन्नति के मार्ग की कुंजी है। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य को किसी भी परिस्थिति में सकुशलता से संपन्न करना हमारी कार्य कुशलता को दर्शाता है। एक सफल प्रशासक व कर्मचारी वहीं है जो किसी भी परिस्थिति में सभी के साथ सामंजस्य स्थापित करने अपने कार्य को पूर्ण कर लक्ष्य की प्राप्ति करता है।

उत्तराखण्ड आयुष विभाग के निदेशक डा. अरुण कुमार त्रिपाठी ने वर्तमान परिवेश में मानव जीवन में आयुर्वेद पद्धति के महत्व को समझाते हुए कहा कि प्राचीन भारतीय आयुर्वेद पद्धति को आज दुनिया आशा भरी निगाहों से देख रही है। कोविड काल के दौरान प्राचीन भारतीय आयुर्वेदिक पद्धति लोगों की जीवन रक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कारगर सिद्ध हुई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर की भाग दौड़ वाली जिन्दगी में लोग प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं। हमारे दैनिक जीवन में सूर्य व चन्द्रमा की गति का महत्वपूर्ण योगदान है, जिसके आधार पर हमारी जीवन प्रक्रिया चलती है।

संचालन डा. ऊधम सिंह ने किया। इस अवसर पर राजेश पाण्डेय, प्रो सुरेन्द्र कुमार त्यागी, प्रकाश चन्द तिवारी, प्रमोद कुमार, हेमन्त सिंह नेगी, बृजेन्द्र सिंह, कमल सिंह, कुलभूषण शर्मा, अजय कुमार, अमित कुमार धीमान, रीता सहरावत, पारूल सिंह, शांता, उमेश आदि उपस्थित रहे।

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