ओडीओपी स्कीम लागू करने में प्रदेश के 15 जिले फिसड्डी साबित हुए हैं, जबकि वर्तमान वित्त वर्ष के शुरुआती 6 माह में ही 11 जिलों का रिकॉर्ड शानदार रहा है। इन 11 जिलों ने लक्ष्य से कहीं ज्यादा काम करके दिखाया है।
प्रदेश सरकार की इस योजना में नई इकाई स्थापित करने पर लिए ऋण पर 25 फीसदी तक सब्सिडी का प्रावधान है। योजना में जिलेवार नई इकाइयां स्थापित करने और उन्हें दी जाने वाली मार्जिन मनी (सब्सिडी) का लक्ष्य दिया गया है। शुरुआती छह माह में पूरे प्रदेश के लिए मार्जिन मनी स्वीकृति का 60 फीसदी लक्ष्य निर्धारित किया गया था। यह लक्ष्य हासिल करने में कुल 47 जिले कामयाब रहे।
वहीं, 15 जिलों ललितपुर, बिजनौर, देवरिया, चंदौली, बाराबंकी, बागपत, उन्नाव, कौशांबी, जालौन, झांसी, चित्रकूट, बदायूं, सोनभद्र, महोबा और बांदा की प्रगति रिपोर्ट 50 फीसदी से नीचे है। इनमें से बांदा, महोबा, सोनभद्र, बदायूं, चित्रकूट, झांसी, जालौन और कौशांबी में मार्जिन मनी स्वीकृति की प्रगति अभी तक 30 फीसदी भी नहीं है।
दूसरी ओर 11 जिले अमेठी, सीतापुर, गोंडा, संतकबीरनगर, बहराइच, श्रावस्ती, बस्ती, मेरठ, एटा, अलीगढ़ और हाथरस की प्रगति 101 से 182.10 प्रतिशत तक है। इटावा, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, मथुरा, आजमगढ़, हरदोई, कानपुर देहात, रायबरेली, फतेहपुर, आगरा और फिरोजाबाद में भी प्रगति 81.72 से लेकर 99.79 प्रतिशत तक रही। शेष 13 जिलों में यह प्रतिशत 50 से ऊपर और 60 से नीचे रही।
4556 इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य
ओडीओपी वित्तीय सहायता स्कीम, 2022-23 में कुल 4,656 इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य है। इन्हें 116.40 करोड़ रुपये मार्जिन मनी दी जानी है। इस लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक 2,228 इकाइयां बैंकों ने स्वीकृत किए हैं और इनके लिए 86.49 करोड़ रुपये सब्सिडी मिलेगी। इस योजना में प्रदेश की अभी तक की कुल प्रगति 74.31 प्रतिशत है।
ऐसे मिलती है मार्जिन मनी
इस स्कीम में बैंकों से प्रोजेक्ट स्वीकृत होने पर उससे संबंधित सब्सिडी की राशि गारंटी के तौर पर बैंक में जमा करवा दी जाती है। इकाई के दो साल तक सफलतापूर्वक संचालन के बाद सब्सिडी ऋण राशि में समायोजित कर दी जाती है। जिस राशि के एवज में इसे समायोजित किया जाता है, उस पर बैंक कोई ब्याज नहीं लेते।