सरयू नदी की बाढ़ ने लोगों के सामने मुश्किल हालात उत्पन्न कर दिए हैं। कहीं रसोई गैस सिलिंडर खत्म होने के बीच मिट्टी के चूल्हे तक पानी पहुंच जाने से खाना नहीं बन पाया तो कहीं पूरी रात बिना खाए ही गुजारनी पड़ी। कहीं लोग रात इस आशंका में डरकर बिता रहे हैं कि पानी चारपाई के ऊपर तक न पहुंच जाए। हालात इतने ज्यादा बेकाबू हैं कि पशुओं तक को सुरक्षित स्थान पर ले जाना पड़ा है।
टांडा पहुंचे डीएम से कुछ ग्रामीणों ने कहा कि पका हुआ भोजन गांव के अंदर नहीं पहुंचाया जा रहा है। डीएम ने इस पर उनसे कहा कि बाढ़ चौकी की स्थापना समय रहते कर दी गई है। गांव में राशन देने के साथ ही चौकी पर पका भोजन व अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं। डीएम ने इससे पहले कहा कि हम लोग कोई जोमैटो सर्विस नहीं चला रहे हैं कि गांव के अंदर तक पका भोजन उपलब्ध हो सके। जो भी ग्रामीण बाढ़ चौकी तक लाया जा रहा या स्वयं आ रहा है, उसे भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का गुरुवार को डीएम व अन्य अधिकारियों ने जायजा लिया। डीएम सैमुअल पॉल एन ने टांडा के महरीपुर, बाढ़ चौकी अवसानपुर, अकबरपुर के मिर्जापुर, पंडाटोला व अकबरपुर नगर का जायजा लिया। टांडा में नाव पर सवार होकर डीएम ग्रामीणों के बीच पहुंचे और बाढ़ प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। बताया कि बाढ़ चौकियों पर सभी जरूरी इंतजाम हैं।
टांडा के घसियारी टोला की सुंदरी बताती हैं कि घर में बाढ़ का पानी घुसने से बुधवार रात खाना नहीं बन पाया। रसोई सिलिंडर खत्म हो चुका था जबकि चूल्हे में पानी भर गया। यहीं की मीना ने बताया कि घर में दो फिट से ऊपर पानी पहुंच गया। सब कुछ पानी में भीग गया। हम लोगों को भूखे ही सोना पड़ा है। नगर की निशा ने बताया कि पूरे घर में पानी ही पानी है। खाना बने भी तो कैसे बने। गैस कनेक्शन भी नहीं है। जयराम यादव कहते हैं कि इंसान के साथ मवेशी भी परेशान हैं। मवेशियों का भूसा चारा सब भीग गया। पानी से बचाने के लिए मवेशियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। अधिवक्ता संघ अध्यक्ष अजय प्रताप श्रीवास्तव लोगों की कुशलता लेते मिले। बताया कि तमाम घरों में लोग भूखे सो गए थे। उनके लिए हम सब भोजन का प्रबंध कर रहे हैं।
आलापुर तहसील के हंसू का पूरा निवासी रामधनी ने कहा कि बाढ़ के हालात ने डरा रखा है। रातभर जागना पड़ रहा है। डर है कि कहीं रात में सो गए तो पानी चारपाई के ऊपर तक न पहुंच जाए। प्रसाद कुर्मी का पूरा निवासी बहादुर ने कहा कि खाना बनाने के लिए जो भी ईंधन रखा था वह सब भीग गया। पैसे के अभाव में गैस सिलिंडर नहीं भरा पाए थे। अब खाना मिलना मुश्किल हो गया है।