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जम्मू के डोगरों की पहचान और संस्कृति अब चंद दिन की मेहमान : महबूबा मुफ्ती

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पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती. (फाइल फोटो)

केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में एक वर्ष से रह रहे अन्य राज्यों के नागरिकों को मतदाता बनाए जाने के चुनाव आयोग के फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कड़ी आपत्ति जताई है। महबूबा ने कहा कि जम्मू के डोगरों की पहचान और संस्कृति अब चंद दिन की मेहमान है।

जिला उपायुक्त जम्मू ने मंगलवार को एक आदेश जारी कर कहा था कि जम्मू में बीते एक साल से रहने वाला कोई भी योग्य नागरिक बतौर मतदाता अपना पंजीकरण करा सकता है। इसके अलावा बेघर नागरिकों को भी नियमों के आधार पर मतदाता बनाए जाने का निर्देश जारी किया गया है। बुधवार को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भाजपा जम्मू और कश्मीर प्रांत के बीच क्षेत्रीय व सांप्रदायिक तनाव पैदा करना चाहती है।

उन्होंने कहा कि हमें भाजपा की इस साजिश को विफल करना है। कश्मीरी हो या डोगरा हमें सभी को मिलकर अपनी पहचान और अधिकारों का संरक्षण करना है। यह तभी संभव होगा जब हम सभी एकजुट रहें। उन्होंने कहा कि हम पहले ही कह चुके हैं कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर और इसके निवासियों की पहचान हमेशा के लिए मिटा देना चाहती है।

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के आदेश ने साबित कर दिया है कि भाजपा ने बाहरी लोगों को जम्मू-कश्मीर में बसाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इस योजना की शुरुआत जम्मू से हो रही है। पहला हमला डोगरा संस्कृति और पहचान, जम्मू के लोगों के रोजगार और कारोबार पर होगा। डोगरा संस्कृति और पहचान अब चंद दिन की मेहमान है।

दूसरी ओर नेशनल कांफ्रेंस के प्रांतीय प्रधान रत्न लाल गुप्ता ने कहा कि चुनाव आयोग पूरी तरह से भाजपा के एजेंडे पर काम कर रहा है। मतदाताओं के पंजीकरण को लेकर हो रहे सरकारी फरमान बता रहे हैं कि जम्मू कश्मीर के मूल निवासियों को राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक रूप से कमजोर बनाने की साजिश हो रही है।

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