बाड़मेर. राजस्थान के बाड़मेर जिले में आठ साल के बालक की मौत के बाद अजीबोगरीब वाकया सामने आया है. बेटे की मौत के बाद अंतिम संस्कार (Funeral) को लेकर उसके माता-पिता (Parents) ही दोनों आमने-सामने हो गए. मां का कहना है कि वह अपने बेटे का अंतिम संस्कार में पीहर ले जाकर करेगी. वहीं पिता अपने घर ले जाकर बेटे का अंतिम संस्कार करना चाह रहे हैं. विवाद बढ़ने के बाद पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर फिलहाल स्थानीय अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया दिया है. मोर्चरी के बाहर समाज और परिजनों की भीड़ जमा है.
जानकारी के अनुसार बाड़मेर के शास्त्री नगर निवासी राणाराम लोहार और उसकी पत्नी के बीच में पिछले 6 साल से अनबन चल रही है. इसके चलते उसकी पत्नी 8 वर्षीय बेटे गणेश के साथ अपने पीहर शिव में ही रह रही थी. सोमवार को गणेश को बुखार आने पर मां ने उसे बाड़मेर मेडिकल कॉलेज के जिला अस्पताल में भर्ती करवाया था. इस दौरान गणेश के पिता राणाराम भी अस्पताल बेटे के पास पहुंच गए. मंगलवार को सुबह अचानक तबीयत बिगड़ने से गणेश की मौत हो गई.
उसके बाद बेटे गणेश के अंतिम संस्कार करने को लेकर उसके माता और पिता दोनों ही आमने-सामने हो गए. पिता राणाराम बेटे के शव को अपने घर ले जाने लगे तो उसकी मां ने इसका विरोध किया. उसका कहना था कि वह बेटे का अंतिम संस्कार अपने पीहर में करेगी. क्योंकि पिछले 6 साल में पति ने कभी बेटे की सुध नहीं ली. एक बार भी उसका हाल-चाल नहीं पूछा. इस बात को लेकर पति और पत्नी में ठन गई.
मां बोली उसका बेटा ननिहाल ही में बड़ा हुआ है
गणेश की मां का कहना है की पिछले लंबे समय से कभी पिता गणेश के नजदीक नहीं आए. गणेश बीमार हुआ तो भी इलाज उसके पीहर पक्ष ने करवाया. बेटा गणेश बड़ा भी अपने ननिहाल शिव में हुआ था. लिहाजा अब उसका अंतिम संस्कार भी उसके ननिहाल में ही होगा. विवाद बढ़ने पर समाज के लोग अस्पताल पहुंचे और दोनों का समझाइश का प्रयास किया. लेकिन बात बनी नहीं. लोहार समाज के जिलाधक्ष बाबूलाल बोलना का कहना है कि दोनों के बीच में जो विवाद हुआ है उसको लेकर समझाइश कर रहे हैं ताकि बच्चे का अंतिम संस्कार किया जा सके.
शव को अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया
दूसरी तरफ मामले को तूल पकड़ता देख अस्पताल चौकी पुलिस वहां पहुंची. पुलिस ने मासूम गणेश के शव को अपने कब्जे में लेकर उसे सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है. उसके बाद से गणेश के माता-पिता और समाज के लोग वहीं पर धरना देकर बैठे हैं. फिलहाल विवाद का हल नहीं निकल पाया है. दोनों ही पक्षों से समझाइश चल रही है. अगर दोनों पक्षों में समझौता हो गया तो ठीक अन्यथा मामला न्यायालय की शरण में जाने की भी संभावना जताई जा रही है.