टेरर फंडिंग में पिछले पांच साल से तिहाड़ जेल में बंद सैयद अली शाह गिलानी के दामाद एवं कश्मीरी अलगाववादी नेता अल्ताफ फंटूश की सोमवार देर शाम अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कैंसर की बीमारी से मौत हो गई। वह 62 साल के थे। उनका लंबे समय से राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इलाज चल रहा था। दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर उन्हें पांच अक्टूबर को कैंसर की बीमारी के इलाज के लिए एम्स में भर्ती कराया गया था।
तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल ने बताया कि अल्ताफ फंटूश करीब पांच साल से तिहाड़ में बंद थे। फिलहाल वह जेल संख्या चार में बंद थे। उन्हें गुर्दे की कैंसर सहित कई बीमारियां थी। उनका राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इलाज चल रहा था। 24 सितंबर को उनकी तबियत बिगड़ने पर उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया।
लेकिन हाल ही में पता चला कि वह अंतिम चरण के गुर्दे के कैंसर से पीड़ित थे। कोर्ट के निर्देश पर उन्हें पांच अक्टूबर को एम्स अस्पताल में रेफर कर दिया गया। जहां सोमवार देर शाम उनका निधन हो गया। अल्ताफ के परिवार में पत्नी, बेटा और दो बेटियां हैं।
साल 2017 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) ने अल्ताफ सहित कुछ आरोपियों को आतंकी फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसके बाद से वह तिहाड़ जेल में बंद थे।