ट्रीटमेंट ऑफ़ हिमालयन लैंडस्केप एण्ड सोशल लाइफ इन द वर्क्स ऑफ़ रसकिन बॉण्ड एण्ड जिम कॉर्बेट विषय मिली उपाधि
कुमाऊं विश्वविद्यालय के अंग्रेज़ी विभाग की शोध छात्रा श्वेता पाण्डे को ट्रीटमेंट ऑफ़ हिमालयन लैंडस्केप एण्ड सोशल लाइफ इन द वर्क्स ऑफ़ रसकिन बॉण्ड एण्ड जिम कॉर्बेट विषय पर पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई है। श्वेता ने अपना शोध कार्य प्रो. एलएम जोशी, विभागाध्यक्ष, अंग्रेज़ी विभाग एवं निदेशक, डीएसबी परिसर, कुविवि नैनीताल के निर्देशन में पूरा किया है।
प्रस्तुत शोध में शोधार्थी ने बॉण्ड एवं कोर्बेट द्वारा हिमालयी परिदृश्य और यहां के सामाजिक परिवेश पर प्रकाश डालते हुए मानवीय संवेदनाओं को जीवंत रूप में प्रदर्शित किया है। उक्त दोनों विद्वान ब्रिटिश मूल के हैं और उनका कार्य क्षेत्र हिमालय की देवभूमि रहा है। उन्हें यहां के सामान्य, गरीब एवं निष्कपट लोगों से अथाह लगाव रहा। वे प्रकृति, वनस्पति एवं जीव- जगत के प्रति अति संवेदनशील थे। कॉर्बेट संभवतः उस अग्रणीय पंक्ति के विद्वानों में गिने जाते हैं, जिन्होंने पर्यावरण एवं जीव संरक्षण पर ज़ोर दिया। उनके समर्पण एवं स्नेह के कारण लोग उन्हें ‘गोरा साधु ‘ के नाम से जानते थे।
दूसरी ओर, पद्म भूषण से सम्मानित बॉण्ड ने गढ़वाल हिमालय और वहां के निम्न एवं मध्यम वर्ग के लोगों की समस्याओं एवं भारत में आंग्ल भाषा में बाल साहित्य को विकसित किया। प्रस्तुत ग्रंथ में दोनों विद्वानों का समग्र साहित्यिक दृष्टिकोण तथा समानताओं और असमानताओं का विषद वर्णन किया गया है।