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रामकोला कांड के बाद बनारस जेल में कई दिन तक बंद थे ‘नेताजी’, यहीं पड़ी थी सपा की नींव

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समाजवादी पार्टी के संस्थापक व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया। गुरुग्राम स्थित अस्पताल में सोमवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। इस खबर से वाराणसी समेत पूर्वांचल के जिलों में शोक की लहर है। वाराणसी से बड़ी संख्या में सपा नेता व कार्यकर्ता लखनऊ रवाना होने की तैयारी में है। मुलायम सिंह यादव का वाराणसी से गहरा नाता था।

सितंबर 1992 मे रामकोला कांड (देवरिया) के बाद मुलायम सिंह यादव ने तब की कल्याण सिंह सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मुलायम सिंह यादव को देवरिया से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद उन्हें बनारस के शिवपुर स्थित सेंट्रल जेल लाया गया। कहा जाता है कि मुलायम सिंह यादव ने जेल में ही समाजवादी पार्टी के गठन की योजना को अंतिम रूप दिया था।

अपने साथ जेल में बंद ईशदत्त यादव, बलराम यादव, वसीम अहमद व कुछ अन्य नेताओं से उन्होंने इस संबंध में विस्तार से चर्चा कर अपने मन की बात बताई थी। मुलायम सिंह यादव जेल से रिहा हुए। जेल से निकलने के बाद चार अक्तूबर, 1992 को लखनऊ के बेगम हजरत महल पार्क में मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी बनाने की घोषणा की।

 

वाराणसी में एक कार्यक्रम में मुलायम सिंह यादव (फाइळ)
समाजवादी पार्टी बनाने के पहले वह चन्द्रशेखर सिंह की अगुवाई वाली समाजवादी जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे थे। समाजवादी पार्टी की कहानी मुलायम सिंह के सियासी सफर के साथ-साथ चलती रही। मुलायम सिंह यादव ने जब अपनी पार्टी खड़ी की तो उनके पास बड़ा जनाधार नहीं था।

नवंबर 1993 में यूपी में विधानसभा के चुनाव होने थे। सपा मुखिया ने भाजपा को दोबारा सत्ता में आने से रोकने के लिए बसपा से गठबंधन कर लिया। समाजवादी पार्टी का यह अपना पहला बड़ा प्रयोग था। अयोध्या कांड के बाद पैदा हुए सियासी माहौल में मुलायम का यह प्रयोग सफल भी रहा। कांग्रेस और जनता दल के समर्थन से मुलायम सिंह फिर सत्ता में आए और मुख्यमंत्री बने।

1989 में पहली बार बने मुख्यमंत्री

मुलायम सिंह यादव यूपी के तीन बार मुख्यमंत्री बने। केंद्र में रक्षा मंत्री भी रहे। सात बार के लोकसभा सांसद और 9 बार विधायक चुने गए। मुलायम सिंह यादव 1980 के आखिर में उत्तर प्रदेश में लोक दल के अध्यक्ष बने थे जो बाद में जनता दल का हिस्सा बन गया। मुलायम 1989 में पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।

नवंबर 1990 में केंद्र में वीपी सिंह की सरकार गिर गई तो मुलायम सिंह चंद्रशेखर की जनता दल (समाजवादी) में शामिल हो गए और कांग्रेस के समर्थन से सीएम बने। अप्रैल 1991 में कांग्रेस ने समर्थन वापस ले लिया तो मुलायम सिंह की सरकार गिर गई। 1991 में यूपी में मध्यावधि चुनाव हुए जिसमें मुलायम सिंह की पार्टी हार गई और भाजपा सूबे में सत्ता में आई।

2014 में देश बचाओ, देश बनाओ रैली में गरजे थे मुलायम

लोकसभा चुनाव 2014 के मद्देनजर रैलियों के सिलसिले में समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने वाराणसी में देश बचाओ, देश बनाओ रैली में हुंकार भरी थी। रामनगर बाईपास के पास आयोजित रैली में पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा था।

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