शासन स्तर पर चल रही नगर निकाय चुनाव की तैयारियों में 20 अक्तूबर के बाद तेजी आएगी। इसके बाद ही महापौर और चेयरमैन की सीटों और वार्डों के आरक्षण का काम शुरू होगा। इसके लिए वार्डों में रैपिड सर्वे का काम चल रहा है। इसके पूरा होने के बाद वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया शुरू होगी। सूत्रों का कहना है कि रैपिड सर्वे से लेकर आरक्षण तक का काम पूरा करने में कम से कम एक माह लग सकता है। इसके बाद ही चुनाव का कार्यक्रम तय हो पाएगा।
दरअसल सभी जिलों के जिलाधिकारियों से 20 अक्तूबर तक रैपिड सर्वे का काम समाप्त कर रिपोर्ट शासन को देने के लिए कहा गया है। जिससे इस रिपोर्ट के आधार पर वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके। प्रावधान के मुताबिक वार्डों के रैपिड सर्वे में पिछड़ी जातियों की गिनती की जाती है। पहले ओबीसी महिलाओं की और फिर ओबीसी पुरुषों की गिनती की जाती है। बाद में अन्य जातियों की गिनती करके रिपोर्ट तैयार की जाती है और इसके आधार पर वार्डों का आरक्षण किया जाता है।
सूत्रों के मुताबिक नगर निगमों समेत सभी नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में पिछड़ों की गिनती के लिए रैपिड सर्वे का काम चल रहा है। कई नगर निकायों में सर्वे का काम पूरा हो चुका है। रैपिड सर्वे रिपोर्ट आधार पर वार्डों के आरक्षण के लिए उसकी अनंतिम सूची जारी की जाएगी और नागरिकों से उस पर आपत्ति व सुझाव मांगे जाएंगे। इस प्रक्रिया में कम से कम 15 दिन का समय लगेगा।
आपत्तियों व सुझावों के निस्तारण के बाद अंतिम सूची जारी की जाएगी। इसके बाद चुनाव के कार्यक्रम तय होंगे। इसलिए माना जा रहा है कि ये सारी प्रक्रिया पूरी करने में करीब एक माह का समय लग सकता है। ऐसे में नगर निकाय का चुनाव दिसंबर में हो सकता है।